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My vehicle Yamaha Ray TN66 H 1326
My vehicle got light accsident. i went to Orpi yamaha servise centre, tadagam road coimbatore.At that time gearaj manager Mr muthu told me Rs 4000/ expanse of damage. but when i told i want to clime insurance, he told me i will give another quotation. and i got quotation of Rs 12000/.
All harassment is only for consumer. the officer o[censored]IIC is not given me the amount which i will get back from campany.and the orpi yamaha told me if you pay adwance Rs 6000/ the your work will start othervice work will not start. So i thought that both yamaha and UIIC is doing harassment to consumer. Was this information helpful? |
Bhim Sain Bassi
Commissioner of police
Capital of India
New Delhi – 110002
Hindustan
Ref; - 1. Later Date; - 27/06/2014 Narendra Modi Prime Minister of India
Request for settlement of insurance claim mater
2. Later Date; - 1310/2014 Mohammad Hamid Ansari
Vice-President of Hindustan for DIABETES CONTROL
3. Later DATE’- 27/10/2014 Bhim Sain Bassi Commissioner of police Capital of India for cyber crime
4 Later Date; - 11/09/2013 copy to dated 21/11/2013, SOS crime branch, ansari road, daryagang, new delhi 110002
Subject; - Unknown intelligence network ( Ruling politician ) use spy cam throw strong poison radiation in my house and organized terrorist activities very special style for personal interest only and create problem in every work in my personal life.
Dear Sir
I am a Sadhu so I am not interstate any political activities
Unknown intelligence network ( Ruling politician ) use spy cam and throw strong poison radiation in my house and organized terrorist activities very special style for personal interest only. Misguide and misused local police/politician and create problem by local people and create problem in every work in my personal life.
I am request to you please enquiry all the subject and remove poison radiation permanent and take strong action earliest.
THANKS
1984 में सिख विरोधी दंगों में मारे गए लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये
11 दिसंबर 2014, 08:00 IST
विस, नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने 1984 में सिख विरोधी दंगों में मारे गए लोगों के परिजनों को पांच-पांच लाख रुपये का मुआवजा देने की योजना बनाई है। सूत्रों के मुताबिक, बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग में सरकार ने इससे जुड़े प्रस्ताव को मंजूरी दी। दिल्ली में सिखों की खासी तादाद को देखते हुए यहां जल्द ही होने वाले आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर केंद्र सरकार का यह फैसला अहम माना जा रहा है।
हालांकि इससे पहले दंगा पीड़ितों को मुआवजा देने की बात दिल्ली में हुए उपचुनावों में भी उठी थी, लेकिन उपचुनावों से ठीक पहले ऐसी खबरें सामने आने से चुनाव आयोग ने सरकार की काफी खिंचाई की थी और उन्हें नोटिस जारी कर स्पष्टीकरण देने को कहा गया था। हालांकि चुनावी आचार संहिता को देखते हुए उस वक्त तो सरकार ने अपनी योजना को ठंडे बस्ते में डाल दिया था, लेकिन अब चुनावों से पहले इसका ऐलान कर सरकार ने सिखों की सहानुभूति लेने की कोशिश की है।
http://navbharattimes.indiatimes.com/metro/delhi/other-news/84-of-the-riot-victims-get-compensation/articleshow/4546...⇄
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भारत यात्रा पर
भारत के साथ संबंधों को 'विशेष सामरिक साझेदारी' करार देते हुए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने खुलासा किया कि भारत की उनकी यात्रा के दौरान सैन्य और तकनीकी सहयोग के अलावा नए परमाणु संयंत्रों का निर्माण एजेंडा में शीर्ष पर होगा।
भारत के साथ संबंधों को 'विशेष सामरिक साझेदारी' करार देते हुए रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने मंगलवार रात खुलासा किया कि भारत की उनकी यात्रा के दौरान सैन्य और तकनीकी सहयोग के अलावा नए परमाणु संयंत्रों का निर्माण एजेंडा में शीर्ष पर होगा।
भारत-रूस संबंधों में गर्मजोशी खत्म होने की धारणा को गलत साबित करने के इरादे से पुतिन ने भारत को एक 'विश्वसनीय और समय की कसौटी पर खरा भागीदार' करार दिया हालांकि इस दौरान उन्होंने निर्माता-उपभोक्ता रिश्ते से क्रमश: आधुनिक हथियार प्रणालियों के संयुक्त विकास और उत्पादन की तरफ बढ़ने की बात कही। रूस और पाकिस्तान के बीच सैन्य सहयोग के बारे में भारत की चिंता को दूर करते हुए राष्ट्रपति ने कहा, हमने आतंकवाद निरोधक प्रयासों और मादक पदार्थ विरोधी अभियानों की कार्यकुशलता बढ़ाने में रूस के संभावित सहयोग पर बात की है।
पुतिन ने भारत की राजधानी पहुंचने के एक दिन पहले एक इंटरव्यू में कहा, मेरे ख्याल से, इस तरह का सहयोग क्षेत्र के सभी देशों के दूरगामी हित में है। रूसी नेता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भूरि भूरि प्रशंसा की और उन्हें एक सम्मानित राजनीतिक नेता बताया, जिन्होंने रूस-भारत सहयोग के विकास के लिए उल्लेखनीय निजी योगदान दिया है। पुतिन ने कहा, पुतिन ने कहा कि भारत की अपनी इस छठी यात्रा के दौरान वह दोनो देशों के बीच विशिष्ट सामरिक भागीदारी को मजबूत करने के उद्देश्य से कुछ खास कदम उठाने के प्रति आशान्वित हैं। उन्होंने इस दौरान व्यापार और आर्थिक संबंधों के साथ ही परस्पर निवेश को बढ़ावा देने पर जोर दिया।
संयुक्त सामरिक परियोजनाओं की चर्चा करते हुए रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि इनमें भारतीय परमाणु बिजली संयंत्रों के लिए नई इकाइयों का निर्माण, भारतीय बाजार में रूसी विमान 'सुखोई सुपरजेट 100' और एमएस -21 यात्री विमान परियोजनाओं को आगे बढ़ाने के साथ ही हेलीकाप्टरों का निर्माण और रूसी प्रौद्योगिकी के आधार पर एक 'स्मार्ट सिटी' की रचना शामिल है। उन्होंने कहा, नेशनल पावर प्रोजेक्ट 'कुडनकुलम' की नई ऊर्जा इकाइयों के निर्माण के अलावा हम रूसी डिजाइन वाले एक नए परमाणु बिजली संयंत्र के निर्माण के लिए भारत सरकार के भूमि आवंटन के फैसले का इंतजार कर रहे हैं।
मोदी के साथ अपनी बातचीत की विषय सूची का जिक्र करते हुए पुतिन ने कहा, एनपीपी के दूसरे चरण के निर्माण के लिए कागजी काम लगभग पूरा होने को है। तीसरी और चौथी ऊर्जा इकाइयों के निर्माण से जुड़े एक ढांचागत समझौते पर इस वर्ष अप्रैल में मुंबई में हस्ताक्षर किए गए। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आज एनपीपी कुडनकुलम दुनिया में एकमात्र ऐसा परमाणु ऊर्जा संयंत्र है, जो जापान में फुकुशिमा दुर्घटना के पश्चात सुरक्षा के लिए नामांकित की गई सभी शर्तों पर खरा उतरता है।
राष्ट्रपति पुतिन ने हालांकि इस सवाल को टाल दिया कि क्या भारत के परमाणु जवाबदेही कानून को लेकर समस्याएं समाप्त हो गई हैं, जो ताजा परमाणु बिजली सहयोग में बाधक था। पुतिन ने कहा, रूस सैन्य और तकनीकी सहयोग के विकास को खास महत्व देता है, जो सामरिक साझेदारी के मुख्य घटकों में से एक है। उन्होंने कहा, इस महत्वपूर्ण क्षेत्र में पूरी की जाने वाली परियोजनाओं पर हम विस्तार से चर्चा करेंगे, जिन में बने बनाए उपकरणों के निर्यात के साथ ही तकनीकी और औद्योगिक क्षेत्र में घनिष्ठ सहयोग से संबंधित पक्ष शामिल हैं।
रूस को एशिया के लिए भरोसेमंद ऊर्जा आपूर्तिकर्ता के रूप में स्थापित करने की उम्मीद जताते हुए पुतिन ने कहा कि रूस भारत को तरल प्राकृतिक गैस (एलएनजी) के निर्यात और आर्कटिक में तेल और गैस की खोज में ओएनजीसी को शामिल करने का इच्छुक है क्योंकि वह भारत के साथ अपने प्रगाढ़ ऊर्जा संबंधों को अमेरिकी प्रतिबंधों के जवाब के तौर पर देखता है। उन्होंने कहा, भारत को पाइपलाइन के जरिए प्राकृतिक गैस की आपूर्ति की कीमत तरलीकृत गैस की आपूर्ति की कीमत से कहीं अधिक होगी। पुतिन ने भारत के साथ द्विपक्षीय व्यापार में आई कमी को दूर करने की जोरदार वकालत तो की, लेकिन मुक्त व्यापार समझौते के लिए भारत की इच्छा पर कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई।
http://www.samaylive.com/international-news-in-hindi/296203/new-nuclear-plants-m...⇄
भारत के दौरे पर पहुंचे केरी
चीन के साथ आगे बढ़ते भारत में अमेरिका के विदेश मंत्री जॉन केरी पहुंच चुके हैं। वह दोनों देशों के रिश्तों में नई जान फूंकने की कोशिश करेंगे। साथ ही नरेंद्र मोदी के साथ बेहतर संबंध शुरू करने की भी।
दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों में हाल में कई मुद्दों पर विवाद हुआ है। इनमें कुछ भारतीय नेताओं की अमेरिकी जासूसी के अलावा न्यूयॉर्क में भारतीय राजनयिक की गिरफ्तारी का मामला भी है। इन सबके अलावा डब्ल्यूटीओ का समझौता भी दोनों देशों के बीच विवाद की वजह है।
केरी ने भारत के वित्त और रक्षा मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात की। वह एक कारोबारी बैठक में हिस्सा ले रहे हैं, जो मूल रूप से वॉशिंगटन में होनी थी। लेकिन बाद में उसे भारत शिफ्ट कर दिया गया। शुक्रवार को केरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करनी है। मोदी के साथ मिल कर वह उस बर्फ को तोड़ने की कोशिश करेंगे, जो बीजेपी और अमेरिका के बीच बरसों से जमी है। गुजरात के 2002 वाले दंगों की वजह से मोदी को अमेरिका का वीजा भी नहीं दिया जा रहा था।
केरी भारत दौरे के साथ ही मध्यपूर्व के अपने चिर परिचित विषय से भी एक ब्रेक लेंगे। उनके कार्यकाल में ज्यादातर समय मध्यपूर्व का मुद्दा ही छाया रहा है। केरी ने दिल्ली में आईआईटी के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, "मैं आपको शुभकामनाएं देता हूं। यह विश्व के लिए बड़ा योगदान है।"
बनते बिगड़ते रिश्ते
शीत युद्ध के समय से ही भारत और अमेरिका के बीच गतिरोध रहा है। लेकिन 1990 के आखिरी सालों में दुनिया के दो सबसे बड़े लोकतंत्रों को स्वभाविक दोस्त बताया गया। सांस्कृतिक विविधता वाले दोनों देश हाल के दिनों में आतंकवादियों के निशाने पर भी रहे हैं। दोनों को ही चीन को लेकर खतरा महसूस होता है। अमेरिका को आर्थिक तौर पर और भारत को पड़ोसी होने के नाते।
पिछले साल दिसंबर में हुए भारतीय राजनयिक देवयानी खोबरागड़े के मामले में भारत अमेरिका को असंवेदनशील मानता है। इस घटना के बाद केरी पहली बार भारत का दौरा कर रहे हैं। हाल ही में भारत ने धमकी दी है कि वह डब्ल्यूटीओ के समझौते में अड़ंगा लगा सकता है। भारत सब्सिडी की बात करके विकासशील देशों का पक्ष ले रहा है, जबकि धनी देश उसका विरोध कर रहे हैं। केरी के साथ भारत का दौरा कर रहीं पेनी प्रित्सकर का कहना है, "भारत के रुख से अमेरिका बहुत दुखी है। हमें उम्मीद है कि हम आने वाले कुछ दिनों में नतीजा निकाल लेंगे।"
हालांकि इस दौरे पर अमेरिका के कथित जासूसी वाला मामला भी उठ सकता है। अमेरिकी जांच एजेंसी एनएसए ने बीजेपी नेताओं की उस वक्त जासूसी की, जब वे विपक्ष में थे। केरी के साथ भारत का दौरा कर रहे एक अधिकारी बताते हैं कि उन्हें पता है कि भारत इस मुद्दे पर नाराज है लेकिन अमेरिका दोनों देशों के बीच नजदीकी खुफिया रिश्ते चाहता है।
http://www.dw.de/%E0%A4%AD%E0%A4%BE%E0%A4%B0%E0%A4%A4-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%...⇄
हिलेरी क्लिंटन तीन दिवसीय दौरे पर पहुंची भारत
6 मई 2012 16:00:10 IST
अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन भारत के अपने तीन दिवसीय दौरे के पहले चरण में रविवार को कोलकाता पहुंचीं।
कोलकाता में दो 䤦 िन तक अपनी यात्रा के दौरान हिलेरी पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से भी मुलाकात करेंगी।
इससे पहले वह 1997 में मदर टेरेसा के देहांत के बाद कोलकाता आई थीं। हिलेरी की अगवानी आज भारत में अमेरिकी राजदूत नैन्सी पॉवेल तथा प्रदेश के वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों ने की।
वह बांग्लादेश की राजधानी ढाका से कोलकाता पहुंची और संभवत: भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद के महिलाओं पर आधारित एक कार्यक्रम सकती हैं में शामिल हो। बाद में वह विक्टोरिया मेमोरियल जाएंगी।
अमेरिकी केंद्र के सूत्रों के अनुसार हिलेरी सोमवार की सुबह समाज के अनेक वर्गों के लोगों के साथ एक कार्यक्रम में शिरकत कर सकती हैं।
राज्य सचिवालय राइटर्स बिल्डिंग में मुख्यमंत्री से मुलाकात के बाद वह दिल्ली के लिए रवाना होंगी।
हिलेरी जिन मार्ग से जाएंगी और जिन जगहों का दौरा करेंगी वहां अभूतपूर्व सुरक्षा इंतजाम किये गये हैं।
नेताजी सुभाष चंद्र बोस अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से लेकर हिलेरी के होटल तक के मार्ग में बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है।
http://www.samaylive.com/nation-news-in-hindi/149107/hillary-clinton-india-kolka...⇄
आई कैंप में ऑपरेशन के बाद अंधे हुए 60 मरीज: डॉक्टर गिरफ्तार, केंद्र ने मांगी रिपोर्ट
भास्कर newsDec 05, 2014, 21:19 PM IST
गुरदासपुर / अमृतसर। पंजाब के गुरदासपुर जिले में एक आई कैंप में मोतियाबिंद के 60 मरीजों के ऑपरेशन के बाद उनकी आंखों की रोशनी चले जाने के मामले में प्रशासन एक्शन में आया है। ऑपरेशन करने के आरोपी डॉक्टर विवेक अरोरा को गिरफ्तार कर लिया गया है। इसके अलावा, कैंप आयोजित करने वाले प्राइवेट अस्पताल और एक एनजीओ के खिलाफ मामला भी दर्ज किया गया है। कैंप के आयोजक मंजीत सिंह को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है। उधर, केंद्र ने पंजाब सरकार से इस मामले पर रिपोर्ट तलब की है। डीसी ने बताया, 'मामले की उच्चस्तरीय जांच के आदेश दिए गए हैं।' '
ये है मामला
एक एनजीओ ने जिले के गुमान गांव में 10 दिन पहले यह आई कैंप लगवाया था। मामला गुरुवार को सामने आया जब अमृतसर के 16 बुजुर्गों ने डीसी से एनजीओ और डॉक्टरों की शिकायत की। आंखों के अस्पताल में दाखिल गगोमाहल की रहने वाली शिंदर कौर, डडीयां निवासी प्यार कौर और अन्य के मुताबिक वह गगोमाहल में लगे कैंप में आंखों की जांच करवाने गए थे। उसी शाम उन्हें गुरदासपुर के घुम्मान स्थित चैरिटेबल अस्पताल में ले जाया गया गया और आॅपरेशन कर दिए गए। जब उनकी आंखों की पट्टी खुली तो वह देख पाने के काबिल नहीं थे। उन्होंने कहा कि वह अपना गुजारा कैसे करेंगे। इन लोगों ने मांग की कि कैंप के आयोजकों और डाक्टरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए।
एक की बच सकती है रोशनी
सभी मरीजों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। उम्र भी 60 वर्ष से ज्यादा है। राम लाल आई एंड ईएनटी अस्पताल के डाॅ। अंकुर भटनागर के मुताबिक सिर्फ एक मरीज सविंद्र कौर की आंख की रोशनी बच सकती है।
इनफेक्शन बढ़ने से गई रोशनी
कैंप में किए गए आपरेशनों के बारे में नियमानुसार सिविल सर्जन विभाग को जानकारी नहीं दी गई। आई सर्जन डा। करमजीत सिंह के मुताबिक मरीजों के आपरेशन करते वक्त प्राॅपर स्टरलाइजेशन ना किए जाने के कारण इंफेक्शन होने से आंखों की रोशनी गई है।
http://www.bhaskar.com/news-ht/PUN-AMR-sixty-people-were-blind-after-eye-operati...⇄
छत्तीसगढ़ के सरकारी नसबंदी शिविरों में 15 महिलाओं की मौत ने भारत की लचर नसबंदी व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
सौतिक बिस्वास, बीबीसी संवाददाता, नई दिल्ली, नवंबर 2014 15
विश्व बैंक, स्वीडिश इंटरनेशनल डेवेलपमेंट अथॉरिटी और संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष से मिले अरबों डॉलर के क़र्ज़ के दम पर भारत में नसबंदी अभियान की शुरुआत 1970 के दशक में हुई।
आपातकाल में नसबंदी
1975 में आपातकाल के दौरान नागरिक स्वतंत्रा अधिकारों को निलंबित कर दिया गया था।
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के पुत्र संजय गांधी ने इस अभियान को 'उग्र' तरीक़े से आगे बढ़ाया और कई लोगों का कहना है कि इसमें सबसे अधिक निशाने पर ग़रीब आबादी रही।
ऐसी भी ख़बरें सामने आई थीं, जिनमें पुलिस ने गांव को घेर लिया और पुरुषों को जबरन खींचकर उनकी नसबंदी की गई।
इस अभियान को सलमान रश्दी के उपन्यास 'मिडनाइट चिल्ड्रन' में भी जगह मिली।
संजय गांधी
वरिष्ठ विज्ञान पत्रकार मारा विस्टेंडाल के अनुसार आश्चर्यजनक रूप से एक साल के भीतर ही लगभग 62 लाख लोगों की नसबंदी की गई, जो कि 'नाज़ियों द्वारा की गई नसबंदियों से 15 गुना अधिक थी।'
इस दौरान ग़लत ऑपरेशनों से दो हज़ार की मौत हुई थी लोगों।
काला इतिहास
फाइल फोटो
विस्टेंडाल ने बताया कि सरकार प्रायोजित जनसंख्या नियंत्रण के मामलों में भारत का इतिहास काफ़ी ख़राब रहा है।
अक्सर इसमें ग़रीबों और वंचितों को निशाना बनाया जाता है। छत्तीसगढ़ में ग़रीब महिलाओं की दुखद मौत से साबित हुआ है कि अब भी ऐसा हो रहा है।
1970 के दशक से जब से परिवार नियोजन कार्यक्रम की शुरुआत हुई है, तभी से भारत में आबादी नियंत्रण के लिए ध्यान महिलाओं पर ही केंद्रित रहा है, जबकि वैज्ञानिकों का मानना है कि महिलाओं के मुक़ाबले पुरुषों की नसबंदी आसान है।
विस्टेंडाल कहती हैं, "ऐसा इसलिए है क्योंकि मान लिया गया कि महिलाओं का इसका विरोध करने की संभावना कम है।"
अस्पताल में भर्ती महिला
सरकारी आंकड़ों के मुताबिक़ भारत में 2013-14 के दौरान 40 लाख नसबंदियां की गई। पुरुषों के मामले में यह आंकड़ा एक लाख से भी कम रहा।
नसबंदी के दौरान ग़लत ऑपरेशन से हुई मौतों की बात करें तो 2009 के 2012 से बीच 700 से भी अधिक मौतें हुईं। ऑपरेशन के बाद तबीयत बिगड़ने के 356 मामले सामने आए।
नियमों का उल्लंघन
फाइल फोटो
सरकार ने सुरक्षित नसबंदी के लिए कई मानक और नियम बनाए हैं, लेकिन नसबंदी कराने के बड़े लक्ष्य के चलते ऑपरेशन में गड़बड़ियां होती हैं और नतीजा मौतों के रूप में सामने आता है।
चीन में 1980 के दशक में आबादी पर नियंत्रण के लिए नसबंदियां शुरू की गई और वहां भी नसबंदी के दौरान महिलाओं की मौत होती है, लेकिन विस्टेंडाल कहती हैं, "भारत के नसबंदी शिविरों की हालत ज़्यादा बुरी है।"
http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2014/11/141114_dark_history_sterilisation_du