Address: | Yamuna nagar Haryana |
मैं ज्योति वैद्य जिला यमुनानगर हरियाणा का स्टेट बैंक ऑफ इंडिया शाखा तेजली यमुनानगर बैंक अकाउंट जिसका नंबर [protected] है सितंबर अक्टूबर 2020 में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के किसी कर्मचारी का बार-बार फोन आने पर मैंने एक 10000 लिमिट वाला एसबीआई क्रेडिट कार्ड बनवाया ।क्रेडिट कार्ड का बिल मैंने जमा भी करवाया लेकिन नवंबर 2020 में ऑटो डेबिट होने की तारीख से पहले मुझे एक मैसेज आया जिसमें कुछ मिनिमम अमाउंट जमा करने के लिए कहा गया यदि मैं पूरा अमाउंट ना जमा करवा पाऊं। मैंने 23 नवंबर 2020 को बैंक द्वारा मैसेज के अनुसार जो मिनिमम अमाउंट था वह जमा करवा दिया लेकिन जब फाइनल बिल बिल बना तो उसमें मेरे द्वारा जमा किया गया अमाउंट का कहीं कोई जिक्र नहीं था मैंने क्रेडिट कार्ड बनाने वाले कर्मचारी से इस बाबत बात की तो उनका जवाब यही था इस में मैं कुछ नहीं कर सकता आप कस्टमर केयर पर बात करें। मैंने एसबीआई क्रेडिट कार्ड के कस्टमर केयर नंबर जोकि टोल फ्री है उससे बात करने की कोशिश की तो मैं बेहद हैरान हुआ की यह नाम का ही नंबर है आपको दूसरे नंबर पर फोन करना पड़ेगा जिस पर ₹2 मिनट का चार्ज लग रहा है और लगभग 50 से ₹100 अपनी शिकायत दर्ज कराने में ही लगा दिए उस समय ना कस्टमर केयर ने और ना किसी बैंक कर्मचारी ने और ना ही मेल द्वारा बार-बार शिकायत करने पर मेरी बात को नहीं सुना गया और हद तो तब हो गई जब मैंने अपना क्रेडिट कार्ड उसी महीने बंद करवा दिया और लगातार फोन द्वारा मेल द्वारा मैं अपने साथ हुए धोखे की शिकायत करती रही और शिकायत का निराकरण तो क्या करना था हर महीने मेरे अमाउंट को इस तरह बढ़ाया गया जैसे पुराने जमाने में साहूकार गरीब लोगों पर लगाते थे बहुत बार बार-बार मेरे प्रार्थना करने पर भी मेरे 500 1000 तो क्या माफ करने थे मेरा जो ₹10000 का बिल था उसे 22000 में ट्रांसफर कर दिया यहां मैं आपके संज्ञान में एक बात लाना चाहूंगी की एसबीआई क्रेडिट कार्ड की शिकायत सिर्फ कस्टमर केयर पर बात करके की जा सकती है उसके लिए न तो यह खुद कस्टमर को कॉल करते हैं कि आपको क्या समस्या है और ना ही किसी जिम्मेवार व्यक्ति का कोई कांटेक्ट नंबर मिलता है। इनके लगातार अमाउंट बढ़ाने के कारण तथा मेरे द्वारा की गई शिकायत बिल्कुल नजर अंदाज करने के कारण मैंने इनसे अपने क्रेडिट कार्ड बिल की सेटलमेंट के लिए प्रार्थना की इन्होंने एक सेटेलमेंट लेटर मुझे मेल द्वारा दिया जिसके बारे में ना तो मुझे फोन द्वारा अवगत कराया गया और ना ही अमाउंट के बारे में मुझसे बात की गई मैं जब तक मेल में उस सेटेलमेंट लेटर को देखती तब तक अमाउंट जमा करने की तारीख निकल गई थी। उसके बाद फिर से कुछ दिनों बाद मुझे एक कॉल आया जिसमें मुझे सेटेलमेंट अमाउंट के बारे में बताया गया तथा मेल द्वारा एक सेटेलमेंट लेटर दिया गया सेटेलमेंट लेटर में दी गई 15200 की अमाउंट को मैंने पेटीएम द्वारा जमा करवा दिया और एसबीआई क्रेडिट कार्ड की एक फोन कॉल आती है कि आपने अमाउंट जमा करवा दिया है हम उसे अपडेट कर रहे हैं लेकिन कुछ दिनों बाद फिर से मेरे बैलेंस बचे हुए अमाउंट को ऑटो डेबिट के लिए बैंक में डाल दिया जाता है मैंने मेल द्वारा और कस्टमर केयर पर इस बात की शिकायत दर्ज की। लेकिन आप यकीन मानिए शायद ही कोई पुराने जमाने में कोई साहूकार यहां कोई बहुत गलत सोच वाला व्यापारी भी ऐसा व्यवहार करता होगा जो एसबीआई क्रेडिट कार्ड की टीम मेरे साथ कर रही है इतनी मानसिक प्रताड़ना, आर्थिक उत्पीड़न जितना कुछ कहूं एसबीआई क्रेडिट कार्ड टीम के लिए उतना ही कम है सर चार्ज पर सर चार्ज लगाए जाते हैं शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती। रटा रटाया जवाब दिए जाते हैं कस्टमर केयर पर घंटों बात की जाती है लेकिन कोई फायदा नहीं आप यकीन मानिए कि 6 महीने के अंदर शायद ही ऐसा कोई लोन होगा जो ना देने पर डबल हो जाए और डबल से भी ज्यादा। 10000 का लगभग ₹23000 बना दिया गया मुझे कोई गुरेज नहीं है कहने पर शेम ऑन द एसबीआई क्रेडिट कार्ड टीम इतना कुछ कहना चाहती हूं मैं कि यदि मैं लिखने पर हूं तो 500 पेज भर जाए मेरी कॉल ऑन रिकॉर्ड है, मेरी मेल ओन रिकॉर्ड है, एसबीआई क्रेडिट टीम द्वारा किए गए मुझे फोन कॉल ऑन रिकॉर्ड है ।मेरी आपसे इतनी प्रार्थना है कि यह मानसिक और आर्थिक प्रताड़ना कृपा करके बंद करवाई जाए!सेटेलमेंट लेटर के अनुसार जमा की गई राशि के बावजूद भी शेष राशि दिखाना कहां तक उचित है मैं यहां पर आपसे प्रार्थना करना चाहूंगी कि जिन कर्मचारियों के कारण यहां यह कहना गलत नहीं होगा जिन लापरवाह कर्मचारियों के कारण मुझे इतनी परेशानी हुई है उन पर भी कार्रवाई की जाए मेरी आपसे हाथ जोड़कर विनती हैकि मेरे द्वारा की गई शिकायत उचित जांच की जाए तथा जो मेरे पर जितने भी सर चार्ज लगाए गए हैं उन्हें माफ किया जाए मुझे पूरी उम्मीद है कि मुझे न्याय मिलेगा
धन्यवाद Was this information helpful? |
Post your Comment