शिकायत का विषय यह है कि आज हम सब रोजाना जीवन जीने की चाह में समाज के अंदर आवश्यक इच्छा शक्ति के भाव में जी रहे हैं और केवल कमाई करने के चक्कर में लगे हुए हैं महोदय कमिश्नर साहब से निवेदन है कि आज हमारे समाज में बहुत चीजों की आवश्यकता होते हुए भी बहुत भारी कमी है उदाहरण के लिए शरद जोशी की कविता याद आती है कहते थे की नल में पानी नहीं Nal hai to pani Nahin नल है तो पानी नहीं और पानी है तो नल नहीं जैसे स्कूल है तो छात्र नहीं छात्र है जो स्कूल नहीं इसी तर्ज पर हमारे नेताजी सुभाष चंद्र मेडिकल कॉलेज जबलपुर में पूरे भारतवर्ष में आए हुए कई छात्र कई प्रकार की चिकित्सा संबंधी अध्ययन में व्यस्त रहते हैं और तो और हमारे मेडिकल यूनिवर्सिटी है जिसमें विभिन्न प्रकार के नए कोर्स और प्रकार के आयाम जुड़े हुए होते हैं हैं इन सब को देखते हुए भारत का सबसे ज्यादा पुराना अध्ययन केंद्र जिसमें कि निकल कर के चिकित्सा संबंधी हमारे नर्सेज और कई प्रकार के टेक्नीशियन निकलते हैं लेकिन मुझे शंका है मुझे जानकारी है कि उनके विभाग में सब कुछ है शासकीय योजनाएं हैं सहायता ए भी हैं लेकिन चिकित्सा संबंधी किसी भी प्रकार की प्रैक्टिकल करने के लिए यह जानकारी प्राप्त करने के लिए फिजिकल बॉडी उपलब्ध नहीं है जो कि एक बहुत गंभीर विषय है और हमें सबको मिलकर इस को अंजाम देना चाहिए कि मृत देह की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए और इस तारतम्य में परमात्मा की प्रेरणा से जो कि हमारे संत रामपाल जी हैं उनके आशीर्वाद से जबलपुर नगर में अभिनव प्रयास प्रारंभ हुआ है जोकि 23 सितंबर 2021 में प्रारंभ किया गया था जिसमें मेरे छोटे भाई नरेंद्र कुमार नेमा पिता हेम नारायण नेमा निवासी यादव कॉलोनी जबलपुर ने पहले से ही आयुर्वेदिक कॉलेज भोपाल में जीवित अवस्था में ही देने का संकल्प कर लिया था हमारे परिवार की सहमति के आधार पर भी हम सब ने मिलकर उनकी शरीर को नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज में देने का निर्णय कर लिया और उसी दिन डॉक्टर एन अग्रवाल और डीन डॉ प्रदीप का सार के सहयोग से शरीर दान देहदान महादान बॉडी डोनेशन और क्या बोलें यह सब किया जबलपुर शहर में उस समय माननीय कलेक्टर महोदय श्री कर्मवीर शर्मा जी की ओर से भी सम्मानीय फोन आया था की जबलपुर शहर के नागरिकों को भी विश्वास से प्रेरणा लेना चाहिए कि हमें डॉक्टरों के पढ़ने चिकित्सा संबंधी ज्ञान प्राप्त करने के लिए आवश्यक तौर पर प्रेरणात्मक सहयोग मिलना चाहिए और इस बात को लेकर बड़ी शंका हुई कि हमारे डॉक्टर से पढ़ाई कैसे करते होंगे और क्या कर आते होंगे विगत कई वर्षों से उनके पढ़ने के लिए किसी भी प्रकार का कोई भी मृत शरीर उपलब्ध नहीं था संत रामपाल जी की प्रेरणा से जबलपुर नगर शहर में एक बहुत बड़ा समूह परमात्मा की प्रेरणा से देवी दान महादान में शामिल होने की इच्छा रखते हैं और दूसरा मृत शरीर परिवार से दिया गया तीसरा मृत शरीर दिया गया है दिनांक[protected], , जिसमें कल डॉक्टर ने अत्यंत सहयोग दिया और संत रामपाल जी महाराज की की प्रेरणा से डॉक्टरों ने छात्रों ने और संत समाज के अनुयायियों ने भरपूर श्रम करके उनके विधि अनुसार दे दान की कार्रवाई की गई और विधि सम्मत जगह-जगह सूचना दी गई और सभी समाचार पत्रों को खबर दी गई स्थानीय समाचार पत्र हो या डिजिटल समाचार पत्र उन्होंने अच्छा खबर कवरेज किया और जनता जनार्दन को इस बात का जागरण कर पाने में समर्थ होने की कोशिश की कमिश्नर महोदय आपसे अपेक्षा है कि नगर नेम इस कार्य में सहयोग करें और मैं मैं सत्येंद्र कुमार नेमा जोकि संत रामपाल जी का अनुयाई शिष्य हूं आपका पूर्ण सहयोग करूंगा चमन में मुझे आप बताएं और मार्गदर्शन दें इस कार्य को और गति पूर्वक कैसे किया जा सकता है क्योंकि नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के एनाटॉमी विभाग के डॉ अनिल अग्रवाल ने कहा कि उन्हें प्रतिवर्ष 10 छात्रों पर मृत शरीर की आवश्यकता होती है इस प्रकार हमारे 180 छात्र है उन्हें अट्ठारह यानी 18 मृत शरीरों की आवश्यकता है इस बात को देखते हुए आप अपनी योजना बनाकर या हमारी योजना में शामिल होकर इस कार्य को शीघ्र अति शीघ्र अंजाम देने की कोशिश करें और हमारे संत रामपाल जी महाराज की प्रेरणात्मक उद्देश्यों को को सम्मान पूर्वक अंजाम देने की कोशिश करें धन्यवाद सत साहेब। Was this information helpful? |
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