Website: | www.electrolux.in/www.electrolux.com |
महोदय,
प्रार्थी के पास एल्क्ट्रोलक्स सेमी ऑटोमेटिक वाशिंग मशीन है, जो अब वारंटी अवधि में नहीं है.
वाशिंग मशीन खराब होने पर प्रार्थी ने 03 अक्टूबर 2015 को कंपनी के कस्टमर केयर पर ई-मेल कर रिपयेरिंग का निवेदन किया था.
06 अक्टूबर 2015 की शाम कंपनी इंजीनियर श्री नरेश घर पर आए. उन्होंने बताया कि सर्विस चार्ज 350 रुपए होगा. सामान जो लगेगा, उसका खर्च अलग होगा.
इंजीनियर ने यह स्पष्ट नहीं किया कि अगर मशीन की रिपेयरिंग नहीं कराएंगे तो विजिट चार्ज देना होगा.
कार्य से मना करने पर भी श्री नरेश ने 350 रुपए सर्विस चार्ज की मांग की. उन्होंने कहा कि सर्विस न लेने पर भी 350 रुपए देने होंगे.
आपत्ति जताने पर श्री नरेश ने फोन पर मेरी बात श्री प्रिंस ([protected]) से कराई. उन्होंने पहले बताया कि विजिट चार्ज सर्विस चार्ज का 25 फीसदी होगा, लेकिन बाद में 50 फीसदी बताने लगे.
श्री प्रिंस ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर मैं 50 फीसदी भुगतान नहीं करूंगा तो कंपनी मेरा नाम, पता प्रतिबंधित कर देगी और भविष्य में कभी सर्विस प्रदान नहीं करेगी.
विजिट चार्ज को स्पष्ट करने के लिए कस्टमर केयर पर फोन किया गया तो वहां भी सर्विस चार्ज का 25 फीसदी विजिट चार्ज कनफर्म किया गया और कॉल किसी अन्य को ट्रांसफर की गई.
इसके बाद जिससे बात हुई, वह भी प्रिंस का नाम सुनते ही सर्विस चार्ज का 50 फीसदी विजिट चार्ज बताने लगे. कस्टमर केयर का हवाला देने पर वह कहने लगे कि वहां पुरानी जानकारी होगी. मिस्टर प्रिंस से आपको अपडेटेड जानकारी मिली है और विजिट चार्ज सर्विस चार्ज का 50 प्रतिशत ही होगा.
आखिरकार मुझे सर्विस चार्ज की 50 प्रतिशत राशि विजिट चार्ज के रूप में प्रदान करनी पड़ी, जिसकी रसीद भी यहां संलग्न की जा रही है.
मुझे स्पष्ट करें कि सर्विस चार्ज और विजिट चार्ज को लेकर कंपनी के लोग अलग-अलग बात क्यों कर रहे हैं? एक ने 100 प्रतिशत, दूसरे ने 50 प्रतिशत और कस्टमर केयर ने 25 प्रतिशत की बात क्यों की?
कस्टमर केयर के पास अपडेटेड जानकारी क्यों नहीं है? कंपनी कर्मचारी ग्राहकों को गुमराह क्यों कर रहे हैं? कस्टमर का मानसिक उत्पीडऩ कर उसे परेशान क्यों किया जाता है, जबकि यह भारतीय दंड संहिता की धारा 211/499 के तहत अपराध है.
प्रार्थी
कुशल खरे
डी-91, सरस्वती लोक
दिल्ली रोड, मेरठ (यूपी)
250002
फोन : [protected], [protected]
Was this information helpful? |
Post your Comment