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Address:Kabir building, D wing, Room no. 1, BARC Colony, Anushaktinagar

सर, मैं, श्रीमती मीनाक्षी यल्लप्पा होटकर, मेरी तबियत ठीक न होने के कारन ३१/०८/२०१९ को मेरे एक सहेली ने मेरी तरफ से आपको एक मेल भेजा था जिसमे उन्होंने लिखा था कि मैंने आपके ऑफिस से रुपये ४५०००/- से एक ट्रेवलिंग सर्टिफिकेट सन २०१७ ख़रीदा था, और मैं उसका उपयोग नहीं कर पायीं, तथा मेरी और से आपको बिनती कि थी मुझे मेरा वह सर्टिफिकेट दुबारा उसकी तारीख बढाकर (एक्सटेंशन) उसे इस्कतेमाल करने का एक मोका दिया जाय |

सर, असल में इसी सर्एटिफिकेट के टेंशन से मेरी तबियत बहुत ख़राब हो गयी थी जिसके वजह से मुझे उस वक़्त मैं अस्पताल में एडमिट किया था और मेरी सहेली को मेरी तबियतसे को देखकर बहुत दुःख हुआ जिसकी वजह उसमे मेरी ओर से आपसे इस सर्नेटिफिकेट के संदर्भ मे बातचीत करनी चाही लेकिन मेरी तबियत ठीक न होने के कारन मैं उसे सारी जानकारी दे नहीं पायी थी, केवल इसीलिए उन्होंने ऐसे लिखा था |

सर, जब मैंने आपके ऑफिस से यह रुपये ४५०००/- से एक ट्रेवलिंग सर्टिफिकेट सन २०१७ ख़रीदा था, तो यह सब ऑनलाइन की सेवा हम लोग नहीं जानते थे लेकिन आपके एजंट को यह बात बताने पर उस एजेंट ने मुझे हामी दी थी की जब भी मैं इसका लाभ लेना चाहूंगी वह मुझे इसका लाभ लेने के कार्य में पूरी तरह से मदद करेंगे लेकिन इन तीन साल में मैंने और पतीजी ने आपके वाशी स्थित जो ऑफिस है वहां कई बार जाकर बिनती करीं की आप मुझे इस सर्टिफिकेट द्वारा हमारें हैदराबाद के लिए टिकट बुक से लेकर वहां पर हमारे रहने का इंतजाम होने तक हमारी मदद करें (क्योंकि यह सब ऑनलाइन की सेवा हम लोग नहीं जानते थे ) आपके एजेंट ने हमें कुछ भी मदद नहीं की इसीतरह हमारें दो साल बर्बाद हो गए थे )

सर, २०१९ में हम अपने इस सर्टिफिकेट का उपयोग करना चाहते थे इसलिए मैं और मेरे पति ने जनवरी २०१९ से बहोत बार फ़ोन पर बात करने की कोशिश की लेकिन हर बार आपके एजेंट के जितने भी विजिटिंग कार्ड्स हमारे पास मौजूद थे वह सारे फोन नंबर या तो स्विच ऑफ होते थे या फिर डज़ नॉट एक्सिस्ट ऐसेही संदेश आते रहे तथा दो एजेंट ने तो आपके कंपनी की नौकरी छोड़ चुके है ऐसे संदेश दिए थे इसलिए हमने फेब्रुवारी २०१९ आपको मिलने वाशी के ऑफिस पहुँचे लेकिन वह ऑफिस जब हमें बंद मिला |

सर, लगातार दो तीन बार हमें आपका वाशी का ऑफिस बंद मिला तब हमने वहां के सिक्यूरिटी से आपके ऑफिस के बारे में पूछताछ करने पर हमें पता चला की आप वह ऑफिस बंद करके भाग चुके है यह बात सुनकर मेरी तबियत वहीँ पर ख़राब हो गयी तथा मैं चक्कर आकर गिर पड़ीं तब मुझे वहां के पुरुष सिक्यूरिटी और स्त्री सिक्यूरिटी तथा मेरे पतीजी ने मुझे उठाकर हॉस्पिटल में एडमिट किया, तबसे मेरी तबियत ख़राब हो गयी है |

सर, २०१९ का कोरोना का माहोल रहते हुए भी तीन-चार बार हमने आपके पुणे वाले ऑफिस में भी विजिट देकर आकर गये लेकिन आपका वहां का भी ऑफिस बंधी था आपने आपके ऑफिस के दरवाजे पर आपको दुबारा कॉन्टेक्ट्स नंबर दिए थे वह फ़ोन नंबर भी बहोतबार स्विच ऑफ या मौजूद नहीं ऐसेही संदेश आते थे |

सर, आपका ऑफिस भी बंद रहने के वजह से मैं अपने इस सर्टिफिकेट का इस्गतेमाल नहीं कर पायी इसीलिए आप मुझे मेरे उसी सर्टिफिकेट की तारीख बढाकर दे देंगे तो आपकी बड़ी मेहेरबानी होगी |

सर, सारी जिंदगी काम करने में व्यस्त हो जाने के कारण अब इस उम्र में उन जमा किए पैसे से जीवन में कहीं घूमने फिरने आनंद लेना चाहिए ऐसे ही समझाकर आपके एजंट ने हमें यह सर्टिफिकेट लेने के लिए बहुत मजबूर किया फिर हमारे यह एक सर्बाटिफिकेट खरीदने पर आपके उस एजेंट को भी कमीशन मिलने में मदद हो रहीं हैं यह सोचकर मेरे पतिजी और मेरे घर के बाकि लोंगो के मना करने के बाद भी मैंने आपके उस एजंट से यह सर्टिफिकेट ख़रीदा था इस बात के तसल्ली के लिए उस वक़्त यह सर्टिफिकेट खरेदी करते वक़्त जो एजेंट मौजूद था उसे भी पूछताछ करने की बिनती मैं आपसे करती हूँ |

सर, आप अपने संदर्भ के लिए इससे पहले के हमने जो आपको मेल भेजे है वह भी चेक करने की बिनती करती हूँ और मेरे इस मेल का सहानुभूति पूर्वक विचार करके मुझे मेरे इस काम में जरुर सहायता करेंगे ऐसी आशा करती हूं तथा आपके सकारात्मक जवाब का इंतजार कर रही हूँ |

आपकी विश्वासू ग्राहक,

श्रीमती मीनाक्षी यल्लप्पा होटकर
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Jan 10, 2022
Updated by Meenakshi@1970
सर, मैं, श्रीमती मीनाक्षी यल्लप्पा होटकर, मेरी तबियत ठीक न होने के कारन ३१/०८/२०१९ को मेरे एक सहेली ने मेरी तरफ से आपको एक मेल भेजा था जिसमे उन्होंने लिखा था कि मैंने आपके ऑफिस से रुपये ४५०००/- से एक ट्रेवलिंग सर्टिफिकेट सन २०१७ ख़रीदा था, और मैं उसका उपयोग नहीं कर पायीं, तथा मेरी और से आपको बिनती कि थी मुझे मेरा वह सर्टिफिकेट दुबारा उसकी तारीख बढाकर (एक्सटेंशन) उसे इस्कतेमाल करने का एक मोका दिया जाय |

सर, असल में इसी सर्एटिफिकेट के टेंशन से मेरी तबियत बहुत ख़राब हो गयी थी जिसके वजह से मुझे उस वक़्त मैं अस्पताल में एडमिट किया था और मेरी सहेली को मेरी तबियतसे को देखकर बहुत दुःख हुआ जिसकी वजह उसमे मेरी ओर से आपसे इस सर्नेटिफिकेट के संदर्भ मे बातचीत करनी चाही लेकिन मेरी तबियत ठीक न होने के कारन मैं उसे सारी जानकारी दे नहीं पायी थी, केवल इसीलिए उन्होंने ऐसे लिखा था |

सर, जब मैंने आपके ऑफिस से यह रुपये ४५०००/- से एक ट्रेवलिंग सर्टिफिकेट सन २०१७ ख़रीदा था, तो यह सब ऑनलाइन की सेवा हम लोग नहीं जानते थे लेकिन आपके एजंट को यह बात बताने पर उस एजेंट ने मुझे हामी दी थी की जब भी मैं इसका लाभ लेना चाहूंगी वह मुझे इसका लाभ लेने के कार्य में पूरी तरह से मदद करेंगे लेकिन इन तीन साल में मैंने और पतीजी ने आपके वाशी स्थित जो ऑफिस है वहां कई बार जाकर बिनती करीं की आप मुझे इस सर्टिफिकेट द्वारा हमारें हैदराबाद के लिए टिकट बुक से लेकर वहां पर हमारे रहने का इंतजाम होने तक हमारी मदद करें (क्योंकि यह सब ऑनलाइन की सेवा हम लोग नहीं जानते थे ) आपके एजेंट ने हमें कुछ भी मदद नहीं की इसीतरह हमारें दो साल बर्बाद हो गए थे )

सर, २०१९ में हम अपने इस सर्टिफिकेट का उपयोग करना चाहते थे इसलिए मैं और मेरे पति ने जनवरी २०१९ से बहोत बार फ़ोन पर बात करने की कोशिश की लेकिन हर बार आपके एजेंट के जितने भी विजिटिंग कार्ड्स हमारे पास मौजूद थे वह सारे फोन नंबर या तो स्विच ऑफ होते थे या फिर डज़ नॉट एक्सिस्ट ऐसेही संदेश आते रहे तथा दो एजेंट ने तो आपके कंपनी की नौकरी छोड़ चुके है ऐसे संदेश दिए थे इसलिए हमने फेब्रुवारी २०१९ आपको मिलने वाशी के ऑफिस पहुँचे लेकिन वह ऑफिस जब हमें बंद मिला |

सर, लगातार दो तीन बार हमें आपका वाशी का ऑफिस बंद मिला तब हमने वहां के सिक्यूरिटी से आपके ऑफिस के बारे में पूछताछ करने पर हमें पता चला की आप वह ऑफिस बंद करके भाग चुके है यह बात सुनकर मेरी तबियत वहीँ पर ख़राब हो गयी तथा मैं चक्कर आकर गिर पड़ीं तब मुझे वहां के पुरुष सिक्यूरिटी और स्त्री सिक्यूरिटी तथा मेरे पतीजी ने मुझे उठाकर हॉस्पिटल में एडमिट किया, तबसे मेरी तबियत ख़राब हो गयी है |

सर, २०१९ का कोरोना का माहोल रहते हुए भी तीन-चार बार हमने आपके पुणे वाले ऑफिस में भी विजिट देकर आकर गये लेकिन आपका वहां का भी ऑफिस बंधी था आपने आपके ऑफिस के दरवाजे पर आपको दुबारा कॉन्टेक्ट्स नंबर दिए थे वह फ़ोन नंबर भी बहोतबार स्विच ऑफ या मौजूद नहीं ऐसेही संदेश आते थे |

सर, आपका ऑफिस भी बंद रहने के वजह से मैं अपने इस सर्टिफिकेट का इस्गतेमाल नहीं कर पायी इसीलिए आप मुझे मेरे उसी सर्टिफिकेट की तारीख बढाकर दे देंगे तो आपकी बड़ी मेहेरबानी होगी |

सर, सारी जिंदगी काम करने में व्यस्त हो जाने के कारण अब इस उम्र में उन जमा किए पैसे से जीवन में कहीं घूमने फिरने आनंद लेना चाहिए ऐसे ही समझाकर आपके एजंट ने हमें यह सर्टिफिकेट लेने के लिए बहुत मजबूर किया फिर हमारे यह एक सर्बाटिफिकेट खरीदने पर आपके उस एजेंट को भी कमीशन मिलने में मदद हो रहीं हैं यह सोचकर मेरे पतिजी और मेरे घर के बाकि लोंगो के मना करने के बाद भी मैंने आपके उस एजंट से यह सर्टिफिकेट ख़रीदा था इस बात के तसल्ली के लिए उस वक़्त यह सर्टिफिकेट खरेदी करते वक़्त जो एजेंट मौजूद था उसे भी पूछताछ करने की बिनती मैं आपसे करती हूँ |

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