महोदय,
निवेदन है कि मेरी एक दुकान LG-14, गोयल प्लाजा, संजय गाँधी पुरम, फैजाबाद रोड(से लगभग 50 मीटर दूर) पर है, जो अक्सर बंद रहती है. जिसका कुल क्षेत्रफल 120 वर्ग फुट है, सन 2018-19 में मेरे द्वारा ब्याजमाफी योजना के तहत नगर निगम में रजिस्ट्री की प्रति के साथ ”कर निर्धारण” का अनुरोध किया गया, जो जुलाई 2019 में स्वीकृत कर रु. 1115/- वार्षिक कर निर्धारण के साथ सन 2010 से करारोपण कर रु. 11145/- का बिल दिया गया, जिसका भुगतान मेरे द्वारा 01/08/2019 रसीद संख्या[protected]रु.11351.00) के द्वारा किया गया. तथा अगले वर्ष 2020-21 का भुगतान छूट काटकर रु.1004.00 दिनांक[protected] को किया गया.
दोनों जमा के बाद अवशेष राशि शून्य हो गयी.
वर्ष २०२१-२२ के कर अदायगी के लिए मई २०२१ तक रु. 1115/- अदा करने के SMS फ़ोन पर आये, अचानक दिनांक[protected] को कर राशि को बढ़ाकर 40067/- जमा करने का SMS दिया गया. ऑनलाइन देखने पर ज्ञात हुआ कि मेरे गृह कर को मनमाने तरीके से बढ़ाकर वर्ष २०१० से पुनः लगाकर ब्याज जोड़कर यह बिल बनाया गया है. जिसमे मेरे द्वारा जमा राशि को भी नहीं दर्शाया गया है. पिछली सभी जानकारी खाते से गायब हैं.
अतः महोदय निवेदन है कि इस महामारी के वर्ष में जहां सरकार व् आपका निगम लोगों कि सहायता करने का दावा करता है वहीँ नगर निगम द्वारा बगैर किसी नियम कायदे के मनमाने तरीके से लोगों को आर्थिक व् मानसिक कष्ट पहुंचाने का काम किया जा रहा है, वो भी एक महिला के साथ. इस कारनामे से क्या सरकार की छवि धूमिल नहीं होती है?
महोदय पूरी आशा के साथ मैं यह अनुरोध करता हूँ कि इस तरह का उत्पीडन करने वाले के विरुद्ध आप नियमानुसार कार्यवाही कर मेरे गृहकर को पूर्ववत कराने की कृपा करें. क्योंकि मेरे साथ यह अन्याय व् धोखाधड़ी की गयी है वह भी एक सरकारी संस्था द्वारा.
धन्यवाद
चंद्रमुखी
LG-14, गोयल प्लाजा, संजय गाँधी पुरम, लखनऊ
House Id: 9157C16164
Ph: [protected]
संलग्न : बिल रसीद तथा कर निर्धारण विवरण
प्रतिलिपि : जोनल अधिकारी, नगर आयुक्त लखनऊ, महापौर लखनऊ, नगर विकास मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार
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