Address: | Panchkula, Haryana, 134109 | Website: | Manav Mangal School, Sector-11 |
Today, on international women's day, we got this unseen passage
शायद हमें इस बात का ख्याल नहीं के स्त्री और पुरूष के चित्त में बुनियादी भेद और भिन्नता है और यह भिन्नता अर्थपूर्ण है। पुरुष और स्त्री का सारा आकर्षण उसी भिन्नता पर निर्भर है। वे जितने भिन्न हों, वे जितने दूर हों, उतना ही उनके बीच आकर्षण होगा। उतना ही उनके बीच प्रेम का जन्म होगा - जितना उनका फासला हो, उनकी भिन्नता हो, जितने जिनके व्यक्तित्व अनूठे और अलग हों, जितने वे एकदूसरे जैसे नहीं बल्कि एक-दूसरे से परिपूरक, कंप्लीमेंटरी हों।
अगर पुरूष गणित जानता हो और स्त्री भी गणित जानती हो तो ये दोनों बातें उन्हें निकट नहीं लातीं। ये बातें उन्हें दूर ले जाएंगी। वे जीवन में ज्यादा गहरे साथी बन सकते हैं और जब एक स्त्री पुरूषों जैसी दीक्षित हो जाती है तो ज्यादा से ज्यादा वह पुरूष को स्त्री होने का साथ भर दे सकती है लेकिन उसके हृदय के उस अभाव को जो स्त्री के लिए प्यासा और प्रेम से भरा होता है, उस अभाव को पूरा नहीं करसकती।
पश्चिम में परिवार टूट रहा है, भारत में भी परिवार टूटेगा और परिवार के टूटने के पीछे आर्थिक कारण उतने नहीं है जितना स्त्रियों को पुत्रों जैसा शिक्षित किया जाना। पुरूष की भांति शिक्षित होकर स्त्री एक नकली पुरूष बन जाती है, असली स्त्री नहीं बन पाती। भिन्नता का लेकिन हमें कोई ख्याल नहीं है और भिन्न शिक्षा और दीक्षा का हमें कोई विचार नहीं है। यह बात सारी जगत की स्त्रियों को कह देने जैसी है - उन्हें अपने स्त्री होने को बचाना है। कल तक पुरूषों ने उन्हें हीन समझा था, नीचा समझा था और इसलिए नुकसान पहुँचा था, आज अगर पुरुष राजी हो जाएगा कि तुम हमारे समान, तुम हमारी दौड़ में सम्मिलित हो जाओ - इस दौड़ में स्त्रियाँ कहाँ पहुँचेंगी और सवाल नहीं है कि स्त्रियों को नुकसान होगा, सवाल यह है कि पूरा जीवन नष्ट होगा।
There were some mistakes in this passage as it was scanned by an application on android.
Isn't this passage irrelevant to be given in a school exam to children? Even school teachers are discriminating now. What will their students then do in the future? Was this information helpful? |
Post your Comment