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महोदय,
मेरा नाम पद्मिनी सिंह है मैंने आप की कम्पनी से एक पालिसी ली थी जो कि एकल प्रीमियम पालिसी कह के दी गयी थी पालिसी संख्या[protected], परन्तु जब मेरे पास कंपनी की तरफ से एक पत्र आया जिसमे प्रीमियम जमा करने के लिए लिखा था तब मैंने उस पालिसी बांड को खोलकर देखा तो वह एक लगातार देने वाली पालिसी है,
महोदय मै एक गृहणी हूँ मैंने एक एक पैसा करके 5 लाख जोड़ा था, आप के यहाँ से रूचि शुक्ला जो की लखनऊ में कार्यरत एक कर्मचारी है, उनके साथ एक पुरुष भी थे जिनका नाम मुझे याद नहीं है ने मिलकर मुझे धोखे से यह पालिसी दे दी, मुझे उन्होंने यह कहा की आप का पैसा 5 साल में दुगुना हो जायेगा, भविष्य में किसी तरह का कोई भी पैसा देने की बात नहीं कही गयी. अब मई लगातार पैसा कहाँ से दूंगी, मेरे पास कोई भी पैसा नहीं है,
इस पालिसी के बारे में मेरे पति को भी कुछ नहीं पता है अगर उन्हें लगातार हर साल 5 लाख देने की बात पता चलेगी तो मेरा पारिवारिक जीवन भी कष्टकारी बन सकता है, पूरे पालिसी बांड को देखने पर यह पता चला की मैंने केवल दो हस्ताक्षर किये थे परन्तु उसमे मेरे कई हस्ताक्षर है जो की मैंने नहीं किये. आप चाहे तो मिलान कर सकते है.
मेरी इनकम 10 लाख दिखाई गयी है जब की मै एक गृहणी हूँ, मुझे उसमे होटल मालिक दिखाया गया है जो की मेरे पति का है और मै उसमे कुछ नहीं हूँ.
पालिसी में लिखा हुआ मेरा मोबाइल नंबर भी गलत है,
महोदय आप से मेरा विनम्र निवेदन है कि मुझे मेरा पैसा वापिस कराने की कृपा करे, मई आप की उम्र भर आभारी रहूंगी,
धन्यवाद
पद्मिनी सिंह
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