[Resolved] Ssp Ghaziabad — FOR DOING ACTION IN FIR NO 558/2014 INDRAPURAM ,380 IPC | |
सेवा में
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गाजियाबाद उत्तर प्रदेश-201001
विषय-fir no 558/2014 indraapuram ipc 380 में पुलिस की कार्यशिथिलता मिटाने, जाँच कार्य में बाधा कारित करनेवाले पुलिस औफिसरो के खिलाफ कारवाई करने, एवम् हम पीड़ित को उचित फ्री न्याय व मुवावजा दिलाने के सम्बन्ध में|
महाशय,
सविनय निवेदन है कि उक्त जाँच में हमारे पुलिस ऑफिसर द्वारा पइसा खिचने की लालच, व हमे परेसान करने की बदलेपन की भावना से इस मामले की जाँच को बाधित किया गया है|एक भी पुलिस ऑफिसर हमे ऐसा नही मिला जो नि:स्वार्थ भाव से अपने फर्ज़ पर खड़ा उतरा हो |
मै दिनाक[protected] को आपके जन सिकायत प्रकोश्ठ में अपनी सिकायत दर्ज कराकर आया हूँ|मैंने आपको दिनांक[protected] को लिखे प्रार्थनपत्र का भी मुआयना किया| उसे कार्यवाही के लिए डी0एस0पी0 चतुर्थ को भेजा गया है|पहले वे लोग हमे इसके बारे में कोई जांनकारी नही दिए थे लेकिन इसवार वे बताए कि इस लेटर को दिनांक[protected] को कारवाई के लिए एस0ओ0 इंद्रापुरम को भेजा गया है| लेकिन थाना से हमे कोई जानकारी नही दी गयी|मैंने अपने खोडा चौकी इंचार्ज श्री सतेंद्र राय मोबाइल न0 [protected] को सारी बात हिज्जे करके हिन्दी में विनयपुर्वक समझा दी है|पिछले आठ दिनों से तीन-तीन प्रार्थना पत्र किस ब्लैकहोल में घुसा हुआ है हमे कोई पता नही चलाने दिया जा रहा है|मै इसको आपके पुलिस ऑफिसर द्वारा कानुन को धोखा देने का प्रयास तथा पद एवम् गोपिनियता का दुरुपयोग समझता हूँ|
मै सुरु से ही अपने हरेक पुलिस ऑफिसर के वेवसाइट पर दिए गए मैल ऐड्रेस पर चाहे वो सही हो या ग़लत अपनी दिल की आवाज लिखता रहा हूँ जिसे आगे सबुत के तौर पर युज किया जाएगा|गाजियाबाद जिला जज का वेव इमेल [protected]@allahabadhighcourt.in भी ग़लत दिखता है लेकिन मैतो इसमें भी लिखते रहता हूँ|
"जौ जाने जाता" "हमको कुछ नही आता" हमे सिर्फ़ रोने आता है |ये काम हम जिवन भर करते रहेंगे|
आपकी मजबुरी को मै अच्छी तरह समझता हूँ| आप जिदगी दो या जहर मै दोनों हालत में कुछ पाकर खुश हो जाउगा|लेकिन आप से गुजारिस हैकि हमे सिर्फ़ पुलिसवालो द्वारा बेवकुफ ना बनाया जाए|मै तो गीली मिट्टि हूँ पर कानुन की सारी बारिकियो को अच्छि तरह समझता हूँ अब देखना यह है कि पुलिस हमसे चिलम बनाने, या सुराही बनाने की ख्वाइस रखती है, यह आपका लिट्मस टेस्ट है|हमे ऐसा उम्मिद है कि मेरी जिस किसी बात से जाच की जतिलता बढती है उसे जाच अधिकारी द्वारा रिपोर्ट में छुपाया जाता है|बिशेस अगले पत्र में लिखुंगा|एसा उमिद करता हूँ कारवाइ जरुर होगी|
आपका विश्वासी
अजय कुमार
पिता-स0 रामानंद शर्मा
म0न0-233, पावन विहार, खोडा कॉलोनी
थाना-इनद्रापुरम, fir no 558/2014 ipc-380
जिला-गाजियाबाद उत्तर प्रदेश-201309
मोबैल-[protected]
ईमेल-ajay.[protected]@gmail.com
दिनांक-16/10/2014
FOR DOING ACTION IN FIR NO 558/2014 INDRAPURAM, 380 IPC
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Aug 14, 2020 Complaint marked as Resolved | |
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