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I have taken a flat in the same but the reviews are coming as negative its only one project which have been spotted as kanjur marg ved alok which has been delayed as beacuse if some landowner family dispute which doesn't showed up but rest project are good as udvada vapi a biggest township in vapi so a good and exciting project in na in navi Mumbai a gr8 project
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Devesh 74400's reply, Feb 19, 2019
😂😂😂😂 कभी उदवाड़ा (वापी), पनवेल घूम कर आइये 🤣🤣🤣🤣 वहां जिन्होंने फ्लैट बूक किया ह उनसे भी मिलिए ओर पूछिये उन्हें क्या मिला ओर काम किस तेजी से चल रहा है, वह भी भी देखते हुए आना 😂🤣😂🤣 फिर बताना
Mr. vidyaprakash Sing,
i think you have a wrong information about VED Shlok kanjurmarg project by ved infratech company there is no any family dispute in landowners family. first thing they have no any legal documents with landowner that the had sign any MOU and second thing all 30 customers from ved shlok project did FIR and Complain in RERA case is going on in the court and builder is not giving back customers money.
and if i will talk about ved shakti project udwada than project was taken for sole selling, ved infratech is not developing that project owner also kicked you satish ghoghari cheap owner of ved infratech company.
now they have only one project in panvel navi mumbai that is also fake.
i think you have a wrong information about VED Shlok kanjurmarg project by ved infratech company there is no any family dispute in landowners family. first thing they have no any legal documents with landowner that the had sign any MOU and second thing all 30 customers from ved shlok project did FIR and Complain in RERA case is going on in the court and builder is not giving back customers money.
and if i will talk about ved shakti project udwada than project was taken for sole selling, ved infratech is not developing that project owner also kicked you satish ghoghari cheap owner of ved infratech company.
now they have only one project in panvel navi mumbai that is also fake.
मेरा नाम देवेश वर्मा है, मेने वेद इंफ्राटेक में 1 साल से ज्यादा काम किया है, ओर इस दौरान मुझे जो अनुभव इनके साथ काम करके हुआ उसे में कम शब्दो में आप लोगो के साथ शेयर कर रहा हु ।
आप सभी को मेरी यही सलाह है कि इनसे जितना दूर रहो अच्छा है । न यह क्लाइंट का पैसा टाइम पर देते है, न वेंडर्स का ओर न ही एम्प्लाई की पगार । 2 बार आधे से ज्यादा स्टाफ छोड़ कर जा चुका है अब यह तीसरी बार है । इन्होंने आज तक 1 भी प्रोजेक्ट पूरा नही किया है, इनका पूरा फोकस सिर्फ और सिर्फ जमीन मालिक का माल बेचकर पैसा उठाने पर रहता है। इन्होंने कांजूरमार्ग में यही किया, उदवाड़ा में कर रहे है, भांडुप ओर पनवेल में भी करने की पूरी कोशिश की पर नही कर पाए । क्योंकि लोगो के सामने इनका असली चेहरा आने लग गया ।
हर वक़्त इनके यहा भर्ती चालू रहती है, क्योंकि जो इनके तरीके जान जाता है वो इन्हें छोड़ कर चला जाता ह, तो नए नए बंदे लेते रहते है ।
अपने कर्मचारियों को यह पगार कभी टाइम पर नही देते । मेरी खुद की 3.5 महीने की पगार ओर कम्पनी के काम मे लगा पैसा बार बार मांगने पर भी नही दिया । मेरा ही नही, किसीका भी नही दे रहे है । चपरासी, वॉचमैन तक का पैसा बाकी है ।
इन्होंने सिर्फ और सिर्फ मार्किट से पैसा लिया है और जिस तरीके से यह लोगो का, वेंडर्स का, एम्प्लाई का पैसा अभी तक खाकर बैठे है उसे साधारण भाषा मे लूट कहते है । नाम पूरा बदनाम न हो इसलिए कुछेक को, जो ज्यादा ही परेशान कर देते है उन्हें थोड़ा थोड़ा दे देते है । वो भी सिर्फ डर से और दिखाने के लिए की हम ईमानदार है ।
आप सभी से यही कहना है कि आप वेद इंफ्राटेक का नाम कम ध्यान में रखे, क्योंकि यह तो अब वेसे भी खत्म हो जाएगा। आपको जरूरत है सतीश घोघारी ओर राजेश घोघारी का नाम याद रखने की । कंपनी का नाम बदला जा सकता है, पर इंसान की पहचान नही । इसमे भी कोई शक नही की यह मार्किट में दुबारा किसी ओर कम्पनी के नाम से आ जाये । तो इनका नाम ध्यान रखे और इनके साथ अपने अनुभव के आधार पर व्यवहार करे । क्योंकि जिन्होंने इनसे किसी भी तरह का व्यवहार किया है आप उनसे पूछ सकते है कि यह लोग कैसे है । क्या यह साथ मे रखने लायक है ।
गाली सुन लेंगे, पर पैसा बिल्कुल नही देंगे । शर्म क्या होती है यह इन्हें नही पता । तो आप सभी से मेरी विनती है कि आप अपनी मेहनत और खून पसीने की कमाई इनके हाथो में न दे । जिन्होंने दिया है उनसे पूछ लीजिये ।
कर्मचारियों ने तो सिर्फ अपना समय दिया है । उन वेंडर्स का क्या जिन्होंने अपना समय और पैसा दोनो दिया है । आप किसी भी वेंडर्स से मिल लीजिये वो आपको सब बात देंगे की यह कैसे इंसान है, या किसी भी क्लाइंट ओर फ्लैट बुक करने वाले से पूछ लीजिये जिन्होंने अपनी मेहनत का पैसा सतीश घोघारी को दिया है, उन्हें क्या मिला । बाकी आप सभी समझदार है ।
मेरी बातें सिर्फ ओर सिर्फ, इनके साथ मेरा अनुभव और विचार है, जो मेने व्यक्त किया । अगर किसीको को बुरा लगा हो या कुछ गलत कहा हो तो माफी चाहता हु । मेरा यह सब कहने का मकसद सिर्फ ओर सिर्फ आपको यह बताना है कि आप अपने खून पसीने से कमाया हुआ पैसा समझदारी से सही जगह निवेश कीजिये । क्योंकि पैसे की क्या कीमत होती है, पैसा कैसे कमाया जाता है हम सब जानते है ।
आप सभी को मेरी यही सलाह है कि इनसे जितना दूर रहो अच्छा है । न यह क्लाइंट का पैसा टाइम पर देते है, न वेंडर्स का ओर न ही एम्प्लाई की पगार । 2 बार आधे से ज्यादा स्टाफ छोड़ कर जा चुका है अब यह तीसरी बार है । इन्होंने आज तक 1 भी प्रोजेक्ट पूरा नही किया है, इनका पूरा फोकस सिर्फ और सिर्फ जमीन मालिक का माल बेचकर पैसा उठाने पर रहता है। इन्होंने कांजूरमार्ग में यही किया, उदवाड़ा में कर रहे है, भांडुप ओर पनवेल में भी करने की पूरी कोशिश की पर नही कर पाए । क्योंकि लोगो के सामने इनका असली चेहरा आने लग गया ।
हर वक़्त इनके यहा भर्ती चालू रहती है, क्योंकि जो इनके तरीके जान जाता है वो इन्हें छोड़ कर चला जाता ह, तो नए नए बंदे लेते रहते है ।
अपने कर्मचारियों को यह पगार कभी टाइम पर नही देते । मेरी खुद की 3.5 महीने की पगार ओर कम्पनी के काम मे लगा पैसा बार बार मांगने पर भी नही दिया । मेरा ही नही, किसीका भी नही दे रहे है । चपरासी, वॉचमैन तक का पैसा बाकी है ।
इन्होंने सिर्फ और सिर्फ मार्किट से पैसा लिया है और जिस तरीके से यह लोगो का, वेंडर्स का, एम्प्लाई का पैसा अभी तक खाकर बैठे है उसे साधारण भाषा मे लूट कहते है । नाम पूरा बदनाम न हो इसलिए कुछेक को, जो ज्यादा ही परेशान कर देते है उन्हें थोड़ा थोड़ा दे देते है । वो भी सिर्फ डर से और दिखाने के लिए की हम ईमानदार है ।
आप सभी से यही कहना है कि आप वेद इंफ्राटेक का नाम कम ध्यान में रखे, क्योंकि यह तो अब वेसे भी खत्म हो जाएगा। आपको जरूरत है सतीश घोघारी ओर राजेश घोघारी का नाम याद रखने की । कंपनी का नाम बदला जा सकता है, पर इंसान की पहचान नही । इसमे भी कोई शक नही की यह मार्किट में दुबारा किसी ओर कम्पनी के नाम से आ जाये । तो इनका नाम ध्यान रखे और इनके साथ अपने अनुभव के आधार पर व्यवहार करे । क्योंकि जिन्होंने इनसे किसी भी तरह का व्यवहार किया है आप उनसे पूछ सकते है कि यह लोग कैसे है । क्या यह साथ मे रखने लायक है ।
गाली सुन लेंगे, पर पैसा बिल्कुल नही देंगे । शर्म क्या होती है यह इन्हें नही पता । तो आप सभी से मेरी विनती है कि आप अपनी मेहनत और खून पसीने की कमाई इनके हाथो में न दे । जिन्होंने दिया है उनसे पूछ लीजिये ।
कर्मचारियों ने तो सिर्फ अपना समय दिया है । उन वेंडर्स का क्या जिन्होंने अपना समय और पैसा दोनो दिया है । आप किसी भी वेंडर्स से मिल लीजिये वो आपको सब बात देंगे की यह कैसे इंसान है, या किसी भी क्लाइंट ओर फ्लैट बुक करने वाले से पूछ लीजिये जिन्होंने अपनी मेहनत का पैसा सतीश घोघारी को दिया है, उन्हें क्या मिला । बाकी आप सभी समझदार है ।
मेरी बातें सिर्फ ओर सिर्फ, इनके साथ मेरा अनुभव और विचार है, जो मेने व्यक्त किया । अगर किसीको को बुरा लगा हो या कुछ गलत कहा हो तो माफी चाहता हु । मेरा यह सब कहने का मकसद सिर्फ ओर सिर्फ आपको यह बताना है कि आप अपने खून पसीने से कमाया हुआ पैसा समझदारी से सही जगह निवेश कीजिये । क्योंकि पैसे की क्या कीमत होती है, पैसा कैसे कमाया जाता है हम सब जानते है ।
आप सभी को मेरी यही राय है कि, एकजुट होकर इनके खिलाफ ठोष कदम उठाओ या फिर जो हो रहा है, होने दो ओर सहो । मेरे साथ गलत हुआ, मेने गलत देखा इसलिए जितना मुझसे हो सकता है आवाज़ उठा रहा हु ओर खुलकर बोल रहा हु क्योंकि में सही हु इसलिए मुझे डर नही । वही कई लोग ऐसे भी है, जिन्हें तकलीफ़ तो है, घुटन भी है पर उनमे बोलने की हिम्मत नही है । सहने की, चुप रहने की आदत ऐसे लोगो को बढ़ावा देती है । सब एक हो जाओ, फिर देखो यह क्या कर सकता है, जो तुम्हे दर्शन नही देता, वो कैसे तुम्हारे कदमो में आकर गिरता है । इसलिए कहता हूं, घुटने से, खुद को तकलीफ देने से कई ज्यादा अच्छा है उतनी ही ताकत हो रहे अन्याय के खिलाफ लगाई जाए । तुम सही होकर भी अपनी नींद हराम कर रहे हो ओर वो आराम से सो रहा है । यह तो तुम्हरी ही गलती है कि ऐसा हो रहा है ।
मेरा यकीन करो, डरने की बिल्कुल भी जरुरत नही है, सिर्फ ओर सिर्फ बोल बच्चन है, इससे ज्यादा कुछ भी नही ।
मेरी भगवान से यही प्राथना है कि आप सभी को आपकी मेहनत का पैसा वापस मिल जाये या आपने जो सपने संजोये थे वो पूरे हो जाये ।
मेरा यकीन करो, डरने की बिल्कुल भी जरुरत नही है, सिर्फ ओर सिर्फ बोल बच्चन है, इससे ज्यादा कुछ भी नही ।
मेरी भगवान से यही प्राथना है कि आप सभी को आपकी मेहनत का पैसा वापस मिल जाये या आपने जो सपने संजोये थे वो पूरे हो जाये ।
उदवाड़ा 15 जनवरी 2019 तक ( जब तक मे वेद इन्फ्राटेक में था) : वहां इन्होंने कुछ यूं किया कि वहा काम शुरू किया और बुकिंग भी, काम धीरे धीरे शुरू किया ओर बुकिंग पर पूरा जोर की पैसा आना चाहिए ।
तो साहब, अब काम भी शुरू ओर बुकिंग भी, पैसा भी आना शुरू।
ठेकेदार को पलिन्थ लेवल पर बिल देना था तो जैसे ही पलिन्थ आया ठेकेदारो ने पहला बिल दिया, सप्लायर के भी पहले बिल आना शुरू । इन्होंने paymemt clear नही किया तो सबने काम बंद कर दिया, मार्केट ने माल देना बंद कर दिया । वहा 2 building पलिन्थ लेवल पर पहले बिल के कारण बंद है । तो काम की तो इतनी ही कहानी है कि november 2018 में शुरू ओर लगभग मई 2019 तक completely बन्द । मार्च तक ठेकेदार ओर सप्लायर ने पेसो के लिए इतना प्रेसर बना दिया कि इन्होंने उदवाड़ा आना बंद कर दिया । जहा तक मुझे याद है कम्पनी मैनेजमेंट से मार्च के बाद कोई उदवाड़ा नही गया, क्योंकि मांगने वाले पीछे पड़े थे ओर इन्हें पैसा नही देना था ।
अब आते है सेल्स पर, flat sale पर अंधाधुंध दबाव, माल बेचो पैसा लाओ, पैसा लाओ, पैसा आया भी पर दिया किसीको भी नही ।
अब इस दौरान उन लोगो का नुकसान हुआ :
1) जिन्होंने अपना पैसा लगाकर कम्पनी का, बिल्डिंग का काम किया यानी ठेकेदार ओर सप्लायर, जो शायद आज भी पैसे के लिए घूम रहे है ।
2) जिन्होंने फ्लैट खरीदे, ठीक उसी तरह जिस तरह कांजुरमार्ग में लोगो ने ।
चूंकि पैसा न मिलने के कारण काम बंद हो गया तो ख़रीददार को वो फ्लैट कैसे मिले जो बने ही नही ।
तो उदवाड़ा में भी इन्होंने पब्लिक से पैसा उठाया है और काम करने वालो को पैसा नही दिया है ।
धीरे धीरे हालात यू हुए की काम बंद हो गया, ओर कुछ बिल्डिंग जिनमे फ्लैट बेचे गए थे वो शुरू ही नही हुई तो अब लोगो के सब्र का बांध टूट गया और अब हालात यह है कि आप वहां जाएंगे तो आपको वेद इन्फ्राटेक का 1 भी बन्दा नही मिलेगा ।
सब भाग गए है वहा से, सेल्स टीम वाले कम्पनी के गलत रवैये को देखकर ओर क्लाइंट की धमकी से । क्योंकि न तो कम्पनी क्लाइंट का पैसा वापस दे रही और न ही काम चालू कर रही ।
ओर रही बात मेरी, construction टीम की तो, मेरे साथ भी यही सिन, की ठेकेदार ओर सप्लायर को पैसा नही मिलने से ओर इनके बात नही करने से मुझे धमकी मिलना शुरू हो गयी और जब मैने कम्पनी में बात की तो कोई जिम्मेदारी लेने को तेयार नही यानी कम्पनी की गलती से किसी एम्प्लोयी के साथ कुछ गलत हो जाये तो यह जिम्मेदारी नही लेंगे । पैसा खाकर बैठे कम्पनी और मार खाये एम्प्लोयी । पैसा उठाने के बाद कम्पनी मैनेजमेंट ने वहां जाना, संभालना, काम बंद कर दिया तो धीरे धीरे उदवाड़ा से सब निकल गए ।
उदवाड़ा में इन्होंने कोई तीर नही मारा है, वहा भी फ्लैट खरीदने वालों का वही हाल है जो कांजुरमार्ग वालो का है ।
लोग तो पैसे के बदले कम्पनी का सामान ले गए, ओर इससे ज्यादा क्या बेइज्जती हो सकती है ।
मेने जहा तक इनका तरीका देखा है, यह गाली सुन लेंगे, खुद की बेइज्जती करवा लेंगे, पर पैसा नही देंगे ।
ओर रही बात पनवेल की तो क्या बताऊँ, एक बार घूम कर आईये उदवाड़ा ओर पनवेल ।
जय श्री राम ।
तो साहब, अब काम भी शुरू ओर बुकिंग भी, पैसा भी आना शुरू।
ठेकेदार को पलिन्थ लेवल पर बिल देना था तो जैसे ही पलिन्थ आया ठेकेदारो ने पहला बिल दिया, सप्लायर के भी पहले बिल आना शुरू । इन्होंने paymemt clear नही किया तो सबने काम बंद कर दिया, मार्केट ने माल देना बंद कर दिया । वहा 2 building पलिन्थ लेवल पर पहले बिल के कारण बंद है । तो काम की तो इतनी ही कहानी है कि november 2018 में शुरू ओर लगभग मई 2019 तक completely बन्द । मार्च तक ठेकेदार ओर सप्लायर ने पेसो के लिए इतना प्रेसर बना दिया कि इन्होंने उदवाड़ा आना बंद कर दिया । जहा तक मुझे याद है कम्पनी मैनेजमेंट से मार्च के बाद कोई उदवाड़ा नही गया, क्योंकि मांगने वाले पीछे पड़े थे ओर इन्हें पैसा नही देना था ।
अब आते है सेल्स पर, flat sale पर अंधाधुंध दबाव, माल बेचो पैसा लाओ, पैसा लाओ, पैसा आया भी पर दिया किसीको भी नही ।
अब इस दौरान उन लोगो का नुकसान हुआ :
1) जिन्होंने अपना पैसा लगाकर कम्पनी का, बिल्डिंग का काम किया यानी ठेकेदार ओर सप्लायर, जो शायद आज भी पैसे के लिए घूम रहे है ।
2) जिन्होंने फ्लैट खरीदे, ठीक उसी तरह जिस तरह कांजुरमार्ग में लोगो ने ।
चूंकि पैसा न मिलने के कारण काम बंद हो गया तो ख़रीददार को वो फ्लैट कैसे मिले जो बने ही नही ।
तो उदवाड़ा में भी इन्होंने पब्लिक से पैसा उठाया है और काम करने वालो को पैसा नही दिया है ।
धीरे धीरे हालात यू हुए की काम बंद हो गया, ओर कुछ बिल्डिंग जिनमे फ्लैट बेचे गए थे वो शुरू ही नही हुई तो अब लोगो के सब्र का बांध टूट गया और अब हालात यह है कि आप वहां जाएंगे तो आपको वेद इन्फ्राटेक का 1 भी बन्दा नही मिलेगा ।
सब भाग गए है वहा से, सेल्स टीम वाले कम्पनी के गलत रवैये को देखकर ओर क्लाइंट की धमकी से । क्योंकि न तो कम्पनी क्लाइंट का पैसा वापस दे रही और न ही काम चालू कर रही ।
ओर रही बात मेरी, construction टीम की तो, मेरे साथ भी यही सिन, की ठेकेदार ओर सप्लायर को पैसा नही मिलने से ओर इनके बात नही करने से मुझे धमकी मिलना शुरू हो गयी और जब मैने कम्पनी में बात की तो कोई जिम्मेदारी लेने को तेयार नही यानी कम्पनी की गलती से किसी एम्प्लोयी के साथ कुछ गलत हो जाये तो यह जिम्मेदारी नही लेंगे । पैसा खाकर बैठे कम्पनी और मार खाये एम्प्लोयी । पैसा उठाने के बाद कम्पनी मैनेजमेंट ने वहां जाना, संभालना, काम बंद कर दिया तो धीरे धीरे उदवाड़ा से सब निकल गए ।
उदवाड़ा में इन्होंने कोई तीर नही मारा है, वहा भी फ्लैट खरीदने वालों का वही हाल है जो कांजुरमार्ग वालो का है ।
लोग तो पैसे के बदले कम्पनी का सामान ले गए, ओर इससे ज्यादा क्या बेइज्जती हो सकती है ।
मेने जहा तक इनका तरीका देखा है, यह गाली सुन लेंगे, खुद की बेइज्जती करवा लेंगे, पर पैसा नही देंगे ।
ओर रही बात पनवेल की तो क्या बताऊँ, एक बार घूम कर आईये उदवाड़ा ओर पनवेल ।
जय श्री राम ।
एक छोटा सी कहानी है : एक गाँव मे एक आदमी था उसकी शुरू से नीयत धोखा धड़ी, लूट खसोट, ढंगने की थी । धंधा करना वो नही जानता था। उसकी नजर हमेशा दूसरों के पैसे पर ओर उन्हें ठगने पर रहती थी । गाव वालो की नजर में वो आ गया था कि यह आदमी धोखेबाज ओर गलत है, लोग उसे ठग, चीटर, फ्रॉड, चोर कहने लगे गए । पर उसे कोई फर्क नही पड़ता था । फर्क पड़ता था तो उसके बच्चों को, क्योंकि उन्हें सुनना पड़ता था । और बच्चे भी नासमझ थे, उन्हें बुरा लगता था कि लोग मेरे बाप को ऐसा क्यों बोलते है और इस बात पर वो लोगो से लड़ते झगड़ते रहते थे बजाय इसके की वो अपने ही बाप को समझाए की पापा यह सब गलत है, आप गलत रास्ते पर हो, इज्जत से ईमानदारी से कमाओ, भले ही कम कमाओ, चलेगा ।
पर मेहनत से ईमानदारी से कमाने में पसीना आता है ओर वो उस आदमी से होता नही था । आदत जो पड़ गयी थी हराम का खाने की ।
आगे हुआ यूं कि लोगो ने, जिनको उसने ठगा था, मिलकर उसे सबक सिखाने की सोची ...
आगे की कहानी के लिए साथ बने रहे, कैसे गाव वाले उसे सीधा करते है, सबक सिखाते है ? अगली पोस्ट में ...
पर मेहनत से ईमानदारी से कमाने में पसीना आता है ओर वो उस आदमी से होता नही था । आदत जो पड़ गयी थी हराम का खाने की ।
आगे हुआ यूं कि लोगो ने, जिनको उसने ठगा था, मिलकर उसे सबक सिखाने की सोची ...
आगे की कहानी के लिए साथ बने रहे, कैसे गाव वाले उसे सीधा करते है, सबक सिखाते है ? अगली पोस्ट में ...
According to MCA DIN Enquiry & Ved infratech registration, directors address :
1) D/617, E2, highway park chs., Near Thakur complex, kandiwali (East)
2) A/403, E2, highway park chs., Near Thakur complex, kandiwali (East)
3) A/004, Vyomesh chs, mandapeshwar road, opp. Gokul hotel, borivali (west).
[protected], Sheetal Apts. Damodar mahatre road, Dahisar (West)
[protected]
[protected][protected][protected]-
Oberoi 🤔
1) D/617, E2, highway park chs., Near Thakur complex, kandiwali (East)
2) A/403, E2, highway park chs., Near Thakur complex, kandiwali (East)
3) A/004, Vyomesh chs, mandapeshwar road, opp. Gokul hotel, borivali (west).
[protected], Sheetal Apts. Damodar mahatre road, Dahisar (West)
[protected]
[protected][protected][protected]-
Oberoi 🤔
4) A/301/302, Sheetal Apts. Damodar mahatre road, Dahisar (West)