[Resolved] Wipro Technologies Limited — fake job offer | |||||
Hi team, i got mail from [protected]@careerswipro.com, asking to pay the amount of 4935 per person including parent. And i paid the amount to account details mentioned in the mail today afternoon. But by evening i came to know that it is fake one. I kept calling him back, he said no i will give offer letter and all but not ready to refund the amount. Please take this to consideration and i need my money back. Please request you to help me. Was this information helpful? | |||||
Oct 12, 2018 Complaint marked as Resolved Wipro customer support has been notified about the posted complaint. Verified Support Sep 11, 2018 Wipro Customer Care's response Dear Reporter, Reference your concern with respect to the online job offer received by you against payment of money. The offer is fabricated. It may please be noted that Wipro has a merit-based employee selection practice and offers are made only after a detailed and structured selection process. Further, Wipro has zero tolerance on such unethical things and does not charge or authorize anyone to charge, any fee or money, at any stage of the recruitment process. While Wipro would look into the issue and contemplate such action as necessary, it is suggested that in the event of you/ your known have already been cheated into paying money to a fraudster, please lodge a police complaint at your nearest police station. If you/ your known have not paid any money, please ignore such fake job solicitations in the name of Wipro. Please feel free to connect in case of any clarification Thanks Wipro | |||||
1 Comment | |||||
Comments
24%
Complaints
3721
Pending
0
Resolved
874
View all 3721 Wipro reviews & complaints
+91 22 3346 1010 [India West]
+91 89 1304 3333 [India South]
+91 40 3097 0189 [India South]
Doddakannelli, Sarjapur Road, Bangalore, Karnataka, India - 560035
View all Wipro contact information
फरियादी को न्याय न मिलाने की आश में 24 फ़रवरी 2019 को राजपथ संसद भवन के सामने आत्महत्या करने वाला हैं l फरियादी को आत्महत्या करने से रोकने व बंधक बनाने की सूरत में वों जब भी स्वतंत्र होगा, आत्महत्या किया जायेगा :-
शिकायती पत्र
श्री मान मुख्य न्यायाधीश महोदय
सर्वोच्च न्यायलय भारत,
तिलक मार्ग नई दिल्ली,
बिषय:- 1. प्रिंसिपल रजिस्ट्रार जनलर महोदय जबलपुर द्वारा शिकायती पत्रों में किये गए जाँच को बिचलित करते हुए, भ्रष्ट न्यायाधीशों को लाभ पहुचाने और मामला क्र० 621/16 को पूर्ण रूप से बिचलित कर नस्ट कर फरियादी को आत्महत्या करने को मजबूर करने की कोशिश किया गया l जिस पर उक्त मामले की अग्रिम सुनवाई कर रहे, माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेड महोदय समीर मिश्रा द्वारा भी उक्त मामला को 9 माह पीछे बिचलित करने की कोशिश किया गया l जिस पर अगर फरियादी को न्याय नहीं दे सकते, तो फरियादी को राजपथ संसद भवन के सामने दिनांक 24/02/19 को इच्छा मृतु की आज्ञा प्रदान करने की महान दया करें l
2. फरियादी को आत्महत्या करने से रोकने व बंधक बनाने की दशा में फरियादी जब भी स्वतंत्र होगा, तब आत्महत्या करेगा l जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी विप्रो प्रमुख अज़ीम प्रेम, देश के प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी, दिल्ली के पूर्व पुलिस आयुक्त भीम सैन बस्सी, उच्च न्यायालय जबलपुर प्रिंसिपल रजिस्ट्रार महोदय सतेन्द्र कुमार सिंह, न्यायाधीश महोदय गोपाल सिंह नेताम, न्यायिक मजिस्ट्रेड महोदय राम प्रसाद सिंह, न्यायिक मजिस्ट्रेड महोदय समीर मिश्रा, सिंगरौली कलेक्टर अनुराग चौधरी, रिटायर एस०डी०ओ०पी० राजेश सिंह परिहार, पूर्व पुलिस अधीक्षक रोडाल्फ़ अलवारीस, पूर्व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सूर्य कान्त शर्मा, थाना प्रभारी वैढन, थाना प्रभारी बरगवां की होगी l ऐसी दशा में उक्त जिम्मेदारों के खिलाफ विधि विधान पूर्वक कार्यवाही कर दण्डित किया जाना न्याय हित में होगा l
संदर्भ : 1. माननीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश जी०एस० नेताम महोदय द्वारा मामला क्र० 500088/16 को दवाये जाने और फरियादी को मामला वापस लेने की धमकी दिए जाने बावत शिकायती पत्र, 2. माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेड महोदय राम प्रसाद सिंह द्वारा मामला क्र० 621/16 को बिचलित करने बावत शिकायत पत्र और 3. माननीय न्यायिक मजिस्ट्रेड महोदय राम प्रसाद सिंह प्रथम श्रेणी द्वारा मामला नीरज गुप्ता V/S अनुराधा प्रसाद बगैरह मामला को बिचलित कर ख़ारिज कर आरोपी गण को लाभ पहुचाने बावत शिकायती पत्र |
मान्यवर
सबिनय नम्र निवेदन है कि दिब्यांग फरियादी नीरज गुप्ता पिता मुन्नी लाल गुप्ता निवासी मेन रोड बरगवां जिला सिंगरौली मध्य प्रदेश का मूल निवासी हैं l और एक पैर से बिकलांग होने के साथ-साथ बेरोजगार व बहुत गरीब परिवार से तालुकात रखता हैं l
भ्रष्ट न्यायाधीशों के खिलाफ शिकायती पत्र के आधार निम्नलिखित हैं :–
1. यह हैं कि फरियादी द्वारा दिनांक 12/05/15 को माननीय उच्च न्यायलय में एक जनहित याचिका दायर किया गया था l जिसमे माननीय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा जनहित मामला क्र० WP-8239/2015 में सुनवाई करते हुए, दिनांक 03/08/2015 को आदेशित किया गया था, कि फरियादी द्वारा निचली न्यायलय में एक अपराधिक मामला दर्ज कराई जाये l जिससे फरियादी द्वारा माननीय उच्च न्यायलय द्वारा जारी आदेश का पालन करते हुए, दिनांक 24/09/15 को माननीय अधिनस्त न्यायलय में एक अपराधिक मामला दर्ज कराई थी l जिस पर माननीय अधिनस्त न्यायालय द्वारा अपराधिक मामला क्र० 621/16 में सुनवाई करते हुए, परिवाद पत्र में पेश समस्त कम्पूटरीकृत दस्तावेज को साईंबार क्राइम से परिक्षण न करा कर मात्र 2 आरोपीगण, सुरेश महतो और अलोक कुमार संधिल्या के खिलाफ धारा 120-बी०, 420, 465, 34- आई०पी०सी० के तहत दिनांक 05/05/2016 को मामला पंजीकृत कर लिया गया है l किन्तु परिवाद पत्र के शेष 3 और प्रत्यर्थी गण (अज़ीम प्रेमजी मुख्य प्रबंधक विप्रो कम्पनी, मृदुल घोष कर्मचारी विप्रो कंपनी, सौरभ आचार्या कर्मचारी विप्रो कंपनी) के विरुद्ध मामला पंजीबद्ध नहीं किया गया है l और मामला पंजीकृत दोनों आरोप गण की गिरफतारी भी आज दिनांक तक नहीं कराई गई l जिस पर फरियादी द्वारा माननीय अपर जिला एवं सत्र न्यायालय देवसर में एक पुनरीक्षण याचिका प्रस्तुत कि गई l जिस पर माननीय अपर जिला एवं सत्र न्यायालय द्वारा सुनवाई करते हुए, दिनांक 08/08/16 को परिवाद पत्र के शेष 3 और प्रत्यर्थीगण को न्यायालय में पेश होने के लिए नोटिस जारी किया गया है l किन्तु किसी भी प्रत्यर्थी गण द्वारा आज दिनांक तक माननीय न्यायालय में नोटिस का जबाब तक पेश नहीं किया गया है l प्रत्यर्थी गण के विरुद्ध माननीय न्यायालय द्वारा दिनांक 08/08/16, 15/09/16, 05/10/16, 24/10/16, 15/11/16, 15/12/16, 02/01/17, 03/03/17, 31/03/17, 13/04/17, तक कोई भी अग्रिम सुनवाई नहीं किया गया है l और माननीय न्यायाधिश द्वारा फरियादी को बार-बार कहा जाता रहा, कि माननीय न्यायालय द्वारा पुराने मामले को ही सुनवाई के लिए लिया जाता हैं l किन्तु मामला कब पुराना होता है, ये नहीं बताया गया l मामले की अगली सुनवाई 24/06/17 को थी l और न तो प्रत्यर्थी गण उपस्थित नहीं हुए है l किन्तु न्यायाधिश जी०एस० नेताम महोदय द्वारा उक्त प्रकरण में प्रत्यर्थी अज़ीम प्रेम जी के अधिवक्ता दिलीप द्विवेदी द्वारा मात्र अधिवक्ता मेमोरेंडम पेश कर (दिनांक 28/04/17 लगभग) नक़ल मांग ली गयी l जिस पर न्यायाधीश जी०एस० नेताम द्वारा नक़ल दे दिया गया l जबकि उक्त मामले की कोई नियत पेशी भी नहीं थी l जिस पर फरियादी को विधिक सेवा से प्राप्त अधिवक्ता ब्रिजेश चतुर्वेदी द्वारा दिनांक 02/05/17 को माननीय अपर न्यायायल में आपत्ति दर्ज किया गया l किन्तु प्रत्यर्थी अज़ीम प्रेम जी के अधिवक्ता दिलीप द्विवेदी द्वारा माननीय अपर जिला न्यायायल में तर्क के लिए भी उपस्थित नहीं हुआ गया l जिस पर माननीय न्यायाधिश जी०एस० नेताम महोदय द्वारा प्रत्यर्थी अज़ीम प्रेम जी की पैरवी करते हुए l फरियादी को धमकी देते हुए, कहा गया कि फरियादी द्वारा प्रत्यर्थी अज़ीम प्रेम जी के खिलाफ झूठा मामला न्यायालय में दर्ज किया गया l जिस पर प्रत्यर्थी अज़ीम प्रेम जी द्वारा धारा 193 के तहत फरियादी के खिलाफ माननीय उच्च न्यायालय में मुक़दमा दर्ज किया जायेगा l जिससे फरियादी को संशय है कि न्यायाधीश गोपाल सिंह नेताम प्रत्यर्थी अज़ीम प्रेम जी (जो कि देश के 2 सबसे बड़े उद्योगपति है) के हाथो बिक गए है l और न्यायाधिश जी०एस० नेताम महोदय द्वारा प्रत्यर्थी अज़ीम प्रेम जी से करोड़ों में पैसे ले कर मामला को दवाने व फरियादी को मामला वापस लेने के लिए धमकिया देने की कोशिश किया गया हैं l सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक प्रत्यर्थी अज़ीम प्रेम जी से करोड़ों में पैसे ले कर न्यायाधिश जी०एस० नेताम महोदय द्वारा खुद के पत्नी के द्वारा किया जा रहा नौकरी को छुड़वा कर पत्नी के नाम पर इंडियन आयल पेट्रोल पम्प नौगड़ सिंगरौली जिला में भी खुलवा गया l जिससे स्पस्ट है कि न्यायाधिश महोदय जी०एस० नेताम एक भ्रष्ट और बिके हुए न्यायाधिश है l जिनके सम्पति की जाँच किया जाकर उचित कार्यवाही किया जाना न्यायहित में होगा l
2. यह कि माननीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय गोपाल सिंह नेताम द्वारा पुनरीक्षण मामला क्र० 500088/16 को वापस लेने फरियादी को धमकियाँ दिया गया l जिस पर फरियादी द्वारा दिनांक 05/05/17 को उक्त मामला के ट्रांसफर परिवाद माननीय जिला एवं सत्र न्यायालय में दर्ज कराई गई l जिस पर माननीय जिला एवं सत्र न्यायालय द्वारा सुनवाई कर आदेशित किया गया l जिसके आदेश के पेज क्र० 3 के पैरा क्र० 6 में स्पस्ट कहा गया हैं कि उक्त प्रकरण सी०आई०एस० पर सी०आई०ए० अर्थात नियमित सिविल अपील में दर्ज हैं l जबकि मामला दाण्डिक पुनरीक्षण के रूप में दर्ज किया जाना था l स्पस्ट हैं कि उक्त पुनरीक्षण परिवाद को माननीय न्यायाधीश महोदय गोपाल सिंह नेताम द्वारा दवाने व खुद के चहेते प्रत्यर्थी अज़ीम प्रेम जी को बचाने के लिए मामला को गलत व बलहिन करने की भरपूर कोशिश किया गया l जिससे आरोपियों को बचाया जा सके l और आदेश के पेज क्र० 3 के पैरा क्र० 5 में स्पस्ट कहा गया हैं कि उक्त पुनरीक्षण परिवाद माननीय न्यायाधीश महोदय गोपाल सिंह नेताम द्वारा खुद ही ट्रांसफर कर माननीय दुतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सुधीर कुमार सिंह न्यायालय में कर रिपोर्ट माननीय जिला एवं सत्र न्यायलय में भेज दिया गया l जबकि फरियादी की शिकायत पर माननीय जिला एवं सत्र न्यायलय द्वारा माननीय अपर जिला एवं सत्र न्यायालय से उक्त परिवाद की मूल फाइल की मांग दिनांक 21/06/17 व 25/07/17 को न्यायालय में पेश करने आदेशित किया गया था l किन्तु पहले दिनांक 21/06/17 को माननीय न्यायाधीश महोदय गोपाल सिंह नेताम द्वारा उक्त पुनरीक्षण परिवाद की मूल फाइल माननीय जिया एवं सत्र न्यायालय में पेश नहीं किया गया l और माननीय भ्रष्ट न्यायाधीश गोपाल सिंह नेताम द्वारा खुद की पोल खुलने के डर से ही दिनांक 14/07/17 को ही माननीय दुतीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश महोदय सुधीर कुमार सिंह के न्यायलय में ट्रांसफर कर रिपोर्ट माननीय जिला एवं सत्र न्यायालय में भेजवा दिया गया l स्पस्ट हैं कि माननीय जिला एवं सत्र न्यायालय के आदेश पर माननीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश भ्रष्ट गोपाल सिंह नेताम की करतूत की पोल खुलने के डर से ही स्वयं परिवाद को ट्रांसफर कर मामला को बिचलित करने की भरपूर कोशिश किया गया l स्पस्ट हैं कि माननीय न्यायाधिश गोपाल सिंह नेताम एक भ्रष्ट न्यायाधीश हैं l जो प्रत्यर्थी अज़ीम प्रेम जी के हाथों बीके हुए हैं l किन्तु माननीय प्रिंसिपल रजिस्ट्रार महोदय उच्च न्यायालय जबलपुर द्वारा शिकायत पर किये गए जाँच की जानकारी फरियादी को न दे कर एक भ्रष्ट न्यायाधीश को लाभ पहुचने व शिकायत को बिचलत करने की भरपूर कोशिश किया गया l जो न्याय हित में नहीं हैं l
3. यह कि फरियादी द्वारा दिनांक 18/05/17 को माननीय न्यायाधीश महोदय गोपाल सिंह नेताम की किये गये शिकायत की जाँच कर रहे माननीय प्रिंसिपल रजिस्ट्रार महोदय द्वारा दिनांक 23/08/17 को एक पत्र, पत्र क्र० 1505 द्वारा फरियादी को आदेशित किया गया, कि शिकायत पर जाँच कर नस्तीबध्य किया गया l फरियादी द्वारा आर०टी०आई० के माध्यम से जानकारी प्राप्त कर सकता हैं l जिस पर फरियादी द्वारा दिनांक 07/09/17 को आर०टी०आई० के माध्यम से जाँच की जानकारी की मांग किया गया l जिस पर माननीय प्रिंसिपल रजिस्ट्रार महोदय द्वारा दिनांक 01/11/17 को जारी पत्र, पत्र क्र० 1664 के माध्यम से नियमावली दे कर आर०टी०आई० द्वारा जानकारी की मांग करे, फरियादी को आदेशित किया गया l जिस पर फरियादी द्वारा दिनांक 11/12/17 को नियमावली के साथ आर०टी०आई० के माध्यम से जानकारी की मांग किया गया l किन्तु माननीय प्रिंसिपल रजिस्ट्रार महोदय द्वारा फरियादी को कोई भी जानकारी प्रदान नहीं कराया गया l जिस पर फरियादी द्वारा दिनांक 16/03/18 को स्मरण आर०टी०आई० के माध्यम से पुनः जानकारी की मांग किया गया l किन्तु फरियादी को माननीय प्रिंसिपल रजिस्ट्रार महोदय द्वारा कोई भी जानकारी प्रदान नहीं कराया गया l जिस पर फरियादी द्वारा दिनांक 23/04/18 को प्रथम अपीली आर०टी०आई० और दिनांक 20/06/18 को दुतीय अपीली आर०टी०आई० के माध्यम से जाँच की जानकारी की मांग किया गया l किन्तु आज दिनांक तक फरियादी को कोई भी जानकारी प्रदान नहीं कराया गया l जिससे स्पस्ट हैं कि माननीय प्रिंसिपल रजिस्ट्रार महोदय द्वारा एक भ्रष्ट न्यायाधीश महोदय को लाभ पहुचने व शिकायत को दवाने की भरपूर कोशिश किया जा रहा हैं l स्पस्ट हैं कि भ्रष्ट न्यायाधीश गोपाल सिंह नेताम के साथ-साथ माननीय प्रिंसिपल रजिस्ट्रार महोदय द्वारा भी उक्त मामले को बिचलित करने की भरपूर कोशिश किया गया l जो न्याय हित
परिवादी/आवेदक
नीरज गुप्ता पिता मुन्नी लाल गुप्ता
ग्रा० व थाना बरगवां, जिला सिंगरौली
मध्य प्रदेश 486886
मों० नं० [protected]