प्रिय महोदय/महोदया,
विषय: बोर्ड परीक्षा प्रवेश-पत्र न दिए जाने के संबंध में
मेरी दीदी का बेटा (मोहित निषाद, कक्षा XII) कानपुर, उ.प्र. के श्याम नगर में स्थित सुघर सिंह अकादमी (Sughar Singh Academy) में XII कक्षा का छात्र है । आगामी 02 मार्च 2019 से शुरू होने वाले सी.बी.एस.ई. के बारहवीं बोर्ड परीक्षा के लिए उसका बोर्ड परीक्षा फॉर्म (सुघर सिंह अकादमी की कोयला नगर शाखा से) भरा गया है और जिसका परीक्षा प्रवेश-पत्र भी आ चुका है । इस संबंध में मैं निम्नलिखित मामले को आपके संज्ञान में लाना चाहता हूँ:
किन्ही अपरिहार्य कारणों से मोहित निषाद (उम्र: 16 वर्ष) सितंबर-अक्टूबर, 2018 में डेढ़ माह के लिए स्कूल जाने में असमर्थ रहा था और जिसकी सूचना स्कूल प्रशासन को ससमय दी गयी थी । बाद के दिनों में स्कूल जाने पर स्कूल की प्रधानाचार्या जी ने उसे स्कूल में प्रवेश करने से मना कर दिया तथा लिखित में कोई आदेश नहीं दिया । हताश बच्चे व माँ द्वारा स्कूल में बार-बार जाने पर और अनुरोध करने पर तथा अंततः ये कहने पर कि आप अपने इस तानाशाही रवैया के चलते बच्चे के भविष्य से नहीं खेल सकती तथा हम इसकी आगे शिकायत करेंगे क्योंकि ऐसा तो हमारे कानून और संविधान में भी नहीं है । जिस पर प्रधानाचार्या जी ने कहा कि संविधान को किनारे रखिए, मैं आपके बच्चे को किसी हालत में अपने स्कूल में आने की अनुमति नहीं दूंगी और यदि आप चाहती हैं कि आपका बच्चा बोर्ड परीक्षा में बैठे तो हम अपने स्कूल से उसका बोर्ड परीक्षा फॉर्म भरा देंगे और आपका बच्चा बोर्ड परीक्षा में बैठ सकेगा । बच्चे की माँ इस बात से संतुष्ट होकर कि उनका बेटा बोर्ड परीक्षा में बैठ सकेगा और उसे ही ठीक मानकर घर पर ही मोहित निषाद के लिए ट्यूशन लगवाकर उसकी पढ़ाई जारी रखी ।
अब XII बोर्ड परीक्षा का प्रवेश-पत्र आने के बाद स्कूल की प्रधानाचार्या जी ने यह कहते हुए प्रवेश-पत्र देने से मना कर दिया और ब्लैकमेल करने लगी कि आपको इसके लिए 40, 000/- रुपये बच्चे की मासिक फीस, स्कूल शुल्क एवं विलंब शुल्क के रूप में देने होंगे । बच्चे की माँ ने जब उनसे अनुरोध किया कि मैडम आपने स्वयं बच्चे को स्कूल में आने से मना किया था और केवल बोर्ड परीक्षा फीस तथा प्रैक्टिकल फीस की मांग की थी, जो पहले ही जमा की जा चुकी है । इस पर प्रधानाचार्या जी ने कुछ भी सुनने से मना कर दिया और पूरी तरह से अपनी बात से मुकर गई और परीक्षा प्रवेश-पत्र देने से साफ मना कर दिया ।
अतः इस संबंध में आपसे अनुरोध है कि कृपया कर इस मामले में स्कूल प्रशासन की मनमानी के खिलाफ़ हमारी अति शीघ्र सहायता करें और बच्चे के भविष्य और उसकी पिछली दो वर्ष की मेहनत को ध्यान में रखते हुए एवं इस मामले को अपने संज्ञान में लेते हुए 02 मार्च 2019 से पहले उचित कार्रवाई करने की कृपा करें ताकि छात्र बोर्ड परीक्षा में बैठ सके।
आपकी सहायता की कामना सहित ।
सधन्यवाद
निवेदक
विजय कुमार निषाद
छात्र मोहित निषाद का मामा
संपर्क सं : [protected]
Central Board of Secondary Education [CBSE] customer support has been notified about the posted complaint.