| Address: New Delhi, Delhi |
मैं भाषणा गुप्ता, पत्नी श्री मुकेश कुमार गुप्ता, निवासी 324, बहावलपुर अपार्टमेंट्स, प्लॉट नं. 1, सेक्टर 4, द्वारका, नई दिल्ली-10075, संपर्क नंबर +91 [protected] आपको सूचित करती हूं कि 14 मार्च 2015, दिन शनिवार, समय दिन के 1 बजकर 10 मिनट पर मुझे एक व्यक्ति का फोन नंबर [protected] से फोन आया, जिसने बैंक से होने का दावा किया व मुझसे मेरे ए.टी.एम. की डिटेल मांगी। मैंने उससे थोड़ी पूछताछ करके डिटेल दे दी पर जब उसने पासवर्ड मांगा तो मुझे पता चला कि यह व्यक्ति धोखेबाज है और मैंने उसे कहा कि वह मुझे आधे घंटे के बाद फोन करे। वो दो व्यक्ति थे, मुझे पहले व्यक्ति की बात समझ में नहीं आई तो उसने कहा कि मेरे सुपरवाइजर से बात कर लें। उस सुपरवाइजर ने अपना नाम अविनाश कुमार बताया। उनके लहजे से पता चल रहा था कि वो बिहार से हैं।
इस बीच मैंने बैंक को फोन करके अपना कार्ड बंद करवा दिया और 2 बजकर 09 मिनट पर दिल्ली पुलिस के हेल्प लाइन नं. 100 पर फोन करके शिकायत की व उस व्यक्ति का नंबर दिया। 2 बजकर 14 मिनट पर मेरे पास दिल्ली पुलिस का फोन नंबर [protected] से फोन आया व उन्होंने मुझे कहा कि हम अभी किसी को भेज रहे हैं पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। जब मैं शिकायत कर रही थी, तब भी उनका फोन आ रहा था व जब पुलिस थाने से मेरे पास फोन आया था तो उनसे बात करते हुए भी उस व्यक्ति का फोन आ रहा था। 02 बजकर 26 मिनट तक उस व्यक्ति का फोन मेरे फोन पर आता रहा।
मैंने आज सुबह 07 बजकर 56 मिनट पर 100 नंबर फोन करके अपनी शिकायत के बारे में जानना चाहा तो उन्होंने कहा आप इन्कवायरी से अपने थाने का नंंबर लेकर उनसे पूछ लें। मैंने इन्कवायरी से नंबर लेकर 07 बजकर 59 मिनट पर [protected] पर फोन किया तो उन्होंने मुझे एस. आई. रतन सिंह का फोन नंबर दिया। मैंने 08 बजकर 02 मिनट पर एस.आई. रतन सिंह से फोन नंबर[protected] पर बात की और उनसे पूछा कि उस व्यक्ति का कुछ पता चला तो उन्होंने बताया कि वो उस नंबर पर कॉल कर रहे हैं, लेकिन नंबर गलत आ रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि यह इंडिया है, अमेरिका नहीं, जो काम इतनी जल्दी हो जाए। मैंने उनसे पूछा कि क्या उन्होंने नंबर ट्रैक करने और यह पता लगाने की कोशिश नहीं की कि नंबर किसके नाम पर रजिस्टर्ड है तो उन्होंने पहले तो कहा कि इसमें समय लगता है व फिर कहा कि इस बारे में कुछ नहीं होगा।
मेरे साथ भले ही धोखा नहीं हुआ और मेरी फुर्ती से मेरा बचाव हो गया लेकिन फिर भी मैंने एक जिम्मेदार नागरिक होने के नाते अपनी जिम्मेदारी निभाई ताकि वो और लोगों के साथ धोखेबाजी न कर सकें। लेकिन पुलिस की असंवेदनशीलता देखिए, उन्होंने कुछ नहीं किया। इसीलिए ही लोग धड़ल्ले से धोखेबाजी करते रहते हैं क्योंकि उन्हें कोई डर नहीं है। जुर्म को होने से पहले नहीं रोका जाता, इसलिए अपराधों में बढ़ोतरी हो रही है और लोग दुखी होने के सिवा कुछ नहीं कर पाते।
Delhi Police customer support has been notified about the posted complaint.
While returning back from a movie with my wife, the DRUNK people guarding the entrance demanded Rs. 100 instead of the illegally mentioned 44/- on an unauthorized slip that they give us.
Though i had parked my car from 7:00pm to 10:45pm
Its not about just 100/- the worse was that they abused me in haryanvi in front of my wife and threatened me that they would break the glass of my car if i didn't pay them the whole amount.
These nuisance may someday turn out to be very serious issue unless some immediate action is taken against them and the unauthorized parking charges that they take from us.
Hope for some action from the concerned authorities.
Regards
Ayush