| Address: Pauri Garhwal, Uttarakhand, 246179 |
विषय :- pwd लंबित फाइल संख्या- 06/246/2009 (टकोलीखाल - छानीखाल मोटर मार्ग 9 कि. मी.) के सन्दर्भ में!
महोदय,
मैं दीपक ध्यानी, मूलनिवासी ग्राम बनगढ़, पोस्ट ऑफिस टकोलिखाल, विकासखंड रिखणीखाल पौड़ी गढ़वाल! वर्तमान अस्थाई निवास : मयूर विहार-1, दिल्ली, इस पत्र के माध्यम से आपके संज्ञान में लाना चाहता हूं कि विकासखंड रिखणीखाल, जिला पौड़ी गढ़वाल के अंतर्गत आने वाला छानीखाल-टकोलीखाल मोटर मार्ग (टकोलीखाल से छानीखाल) पिछले कई वर्षों से सैद्धांतिक स्वीकृति के बाद भी लंबित पड़ा हुआ, इस मोटर मार्ग की स्वीकृत लंबाई लगभग 09 कि. मी. है माननीय इस मोटर मार्ग की स्वीकृति सन् 2006 में तत्कालीन क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि माननीय ले.ज. (रि०) टी.पी.एस. रावत जी के प्रतिनिधित्व में मिली थी। जिसकी स्वीकृत लागत लगभग 1.75 लाख रुपये हुई थी।
इस सड़क की स्वीकृति की वजह से उस समय छनिखाल-टकोलीखाल मोटर मार्ग के अधीन आने वाले क्षेत्र के कई गाँवों के सड़क से वंचित आवासी प्रवासी ग्रामीणों में एक अलग ही ख़ुशी की लहर देखने को मिली थी क्योंकि सब में एक उम्मीद जागी थी कि वर्षों से विकास की दौड़ से वंचित यह क्षेत्र अब अन्य विकसित क्षेत्रों की तरह खुशहाल होगा मगर महोदय 2006 से वर्तमान में 2019 तक लगभग 13 साल बीत जाने के बाद भी सड़क से वंचित ग्रामीण सड़क सुविधा के लिए तरस ही रहे हैं..
सड़क जो कि आज के समय में जरूरी होने के साथ-साथ विकास कार्य की सर्व प्रथम मंजिल है। इस सड़क के लिए क्षेत्र वासियों ने जिनमें स्थानीय ग्रामीण बच्चे बुजुर्गों और महिलाओं के साथ साथ प्रवासी ग्रामीणों ने भी कई बार कई दिनों तक धरना एवं प्रदर्शन जैसे संघर्ष के अथक प्रयास के साथ साथ जनप्रतिनिधियों, सम्बंधित विभागों व मंत्रालयों से पत्राचार भी किये मगर इसके बाद भी समस्या जस की तस बनी रही या यूं कह लीजिए ग्रामीणों की मांग की अनदेखी की गई! धरना प्रदर्शन और ज्ञापनों के बाद कई बार इस सड़क के लिए सम्बंधित विभागों द्वारा ज्वाइंट सर्वे कर मार्किंग भी किये गए, इसी क्रम में वन विभाग, पर्यावरण मंत्रालय भारत सरकार के द्वारा सैद्धांतिक स्वीकृति सन् 2015 में मिली थी! अब विधिवत् स्वीकृति के बावजूद भी ग्रामीण सड़क के लिए तरस रहे हैं।
महोदय आज जब स्वतंत्र भारत विकासशील देश विकसित देशों की श्रेणी की और अग्रसर है ऐसे में भी हम ग्रामीणवासी सड़क जैसी सुविधा के लिए तरस रहे हैं! अपनी मूलभूत आवश्यक सामाग्री के लिए एवं सड़क मार्ग तक पहुँचने के लिए क्षेत्रीय ग्रामीणजनों को 8 से 9 कि.मी पैदल ही छतिग्रस्त पगडंडियों और जंगली रास्तों से होते हुए किसी वाहन को पकड़ने के लिए मुख्य मोटर मार्ग तक पहुँचना पड़ता है। ऐसे में तब यह समस्या और जटिल हो जाती है जब किसी बीमार व्यक्ति, घायल बच्चे व बड़े-बच्चे और किसी पीड़ित या गर्भवती महिला को स्वास्थ्य उपचार हेतु कंधों पर पालकी या चारपाई के सहारे उबड़ खाबड़ पथरीली और छतिग्रस्त पगडंडियों से निकटतम मोटर मार्ग तक ले जाते हैं कई बार देखने में आया हे की कुछ पीड़ितों का हालत गंभीर होने पर वो रास्ते में ही दम तोड़ देते हैं यानी कि बेमौत मारे जाते हैं!
महोदय आप थोड़ा सा संवेदनशील होकर महसूस कीजिए जब अपने ही अपनों को अपने ही कांधों पर कहराते-मरते हुए बेबस होकर देखते होंगें तो वह पीड़ा क्या होती है आप समझ सकते हैं! महोदय मैं यहां पर आपको यह बताना चाहूंगा कि वर्ष 2006 जब से इस मोटर मार्ग की स्थानीय जनप्रतिनिधि टीपीएस रावत जी द्वारा स्वीकृति की खबर मिली थी तब से वर्तमान में 2019 तक जिन प्रवासियों, ग्रामीणवासियों, समाजसेवीयों व आंदोलनकारी जनमानसों ने इस सड़क के लिए अथक प्रयास किये थे और तरह-तरह के सपने संजोकर रखे थे उनमें से कई तो इस सड़क की राह देखते-देखते और सरकारों को धन्यवाद कहने का इंतजार करते करते इस दुनियाँ को ही अलविदा कहकर इन्हीं सड़क की उम्मीद लिए बैठे अन्य के कांधे पर इन उबड़ खाबड़ पगडंडियों से श्मशान में ही पहुँच चुके हैं!
अतः मोहदय क्षेत्रीय जनता और प्रवासी ग्रामीणों की तरफ से आपसे विनम्र निवेदन है कि इस सड़क का कार्य त्वरित गति से करवाने की महति कृपा कीजियेगा!
भवदीय,
दीपक ध्यानी
ग्राम : बनगढ़ (बमणों ख़्वाल)
ग्रामीण संघर्ष समित,
पोस्ट ऑफिस : टकोलीखाल,
विकास खण्ड : रिखणीखाल,
पौड़ी गढ़वाल,
उत्तराखण्ड - 246179
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Mob +91 [protected]
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